दीपक पाण्डेय/खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में शिरडी जैसा हुबहू साईं मंदिर बना है. हजारों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं. विशेष दिनों में यह संख्या लाख में होती है. गुरुवार को मंदिर में ढाई क्विंटल खिचड़ी प्रसादी बनती है. दर्शन के लिए आने वाले भक्त भरपेट प्रसादी खाते है.
शहर में कुंदा नदी के तट पर कालिका माता मंदिर है. इसी परिसर में साईं बाबा का मंदिर बना है. करीब 37 साल पुराने मंदिर का निर्माण हूबहू शिरडी के साईं मंदिर की तर्ज पर किया गया है. पहले यहां साईं बाबा की छोटी मूर्ति विराजित थी. वर्ष 2007 में जयपुर से करीब 5 फिट ऊंची मूर्ति लाकर पुनः स्थापना की गई.
1987 में स्थापित हुई मूर्ति
मंदिर के पुजारी पंडित ललित अत्रे ने बताया कि राम चैतन्य ब्रह्मचारी एवं मोती चैतन्य ब्रह्मचारी की यहां गुरु गादी (समाधि) है. वें कालिका माता और साईं बाबा को मानते थे. उनकी आराधना करते थे. माता ने उन्हें साक्षात दर्शन भी दिए थे. उन्हीं की प्रेरणा से सन 1987 में साईं बाबा की मूर्ति यहां समाधि के पास स्थापित की गई. पास ही में माता की भी स्थापना की गई है.
10 हजार भक्त करते हैं दर्शन
पुजारी ने बताया कि पहले छोटे आकार में मंदिर था. बाद में साईं बाबा और माता की कृपा से भव्य मंदिर का निर्माण किया है. वैसे तो रोजाना भक्त दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन गुरुवार को ज्यादा भीड़ रहती है. आम दिनों में 3 से 4 हजार भक्त दर्शन करने आते है. त्योहारों में यह संख्या 10 हजार से भी ज्यादा होती है.
दो बजे से शुरू हो जाती है तैयारी
गुरुवार के दिन शाम 5:30 से रात 10 बजे तक खिचड़ी प्रसादी का वितरण होता है. हलवाई इसके लिए दोपहर 2 बजे से ही तैयारी में जुट जाते हैं. दो बड़े तपेले में चावल, आलू, दाल, टमाटर सहित अन्य खाद्य चीजें मिलाकर खिचड़ी प्रसादी बनती है. जिस दिन ग्यारस गुरुवार को आती है, उस दिन स्पेशल खिचड़ी बनाई जाती है.
कम नहीं हुई भक्तों की आस्था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 8 साल पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा के धर्म पर सवाल खड़ा किया था. उनका मानना था कि साईं बाबा मुस्लिम हैं. इसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी साईं बाबा को चांद मियां बताया गया था. हिंदू जागरण मंच ने मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की मांग की थी. बावजूद इसके साईं बाबा के भक्तों की आस्था कम नहीं हुई.
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FIRST PUBLISHED : February 23, 2024, 12:42 IST
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