दीपक पाण्डेय/खरगोन. सरकार की योजनाओं ने महिलाओं को मानो पंख लगा दिए हैं. महिलाएं अब हर फील्ड में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. इसी प्रकार अब मध्य प्रदेश के खरगोन की ग्रामीण महिलाएं ई-रिक्शा चलाना सीख रही हैं, ताकि प्रशिक्षण के बाद स्वयं का रोजगार शुरू कर सकें.
दरअसल, मप्र टूरिज्म बोर्ड एवं वसुधा विकास संस्था द्वारा संचालित महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के अंतर्गत पर्यटन स्थल महेश्वर में गतिविधियां जारी हैं. महेश्वर जिले का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है. यहां का किला और माहेश्वर साड़ियां देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं.
40 महिलाएं ले रही ट्रेनिंग
नर्मदा घाट पर 3 फरवरी से ई-रिक्शा चालक एवं स्ट्रीट वेंडर के लिए महिलाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें 20 महिलाए ई-रिक्शा और 20 महिलाएं स्ट्रीट वेंडर का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. प्रशिक्षण के बाद यें महिलाएं ई-रिक्शा चालक एवं स्ट्रीट वेंडर के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
पर्यटकों को सैर कराएंगी महिलाएं
वसुधा विकास संस्था की डायरेक्टर डॉ. गायत्री परिहार एवं संकुल समन्वयक अनिता शर्मा ने कहा कि ट्रेनिंग के बाद महिलाएं यहां आने वाले पर्यटकों को ई-रिक्शा से महेश्वर की सैर कराएंगी. मां नर्मदा व देवी अहिल्या के घाट पर तरह-तरह के सामान का विक्रय करके अपनी आजीविका चलाएंगी. इसके पहले महिलाओं को नाव संचालन का भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी महिला टूरिस्ट
जिला पुरातत्व एवं पर्यटन विभाग के नीरज अमझरे ने कहा कि महेश्वर में महिलाओं के लिए ई रिक्शा प्रशिक्षण एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि है, जो भी महिला पर्यटक अहिल्याबाई की नगरी महेश्वर में घूमने आएगी, वे महिला ई-रिक्शा चालक के साथ नर्मदा घाट और अन्य पर्यटन स्थलों पर बिना डरे व सुरक्षित महसूस करते हुए दर्शन कर पाएगी.
45 दिन बाद शुरू होगा दूसरा बैच
डॉ. गायत्री परिहार ने बताया कि 45 दिन के प्रशिक्षण में महिलाओं को अस्थाई लाइसेंस बनवाने सहित यातायात की बारीकियां भी सिखाई जाएंगी. बाद में स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए मदद भी देंगे. जैसे ही पहले बैच की ट्रेनिंग पूरी होगी. दूसरा बैच स्टार्ट कर दिया जाएगा. इसमें 18 से 35 वर्ष के बीच जो महिलाएं प्रशिक्षण लेना चाहें आवेदन कर सकेंगी.
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FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 14:07 IST