MP में यहां नजर आएंगी आदिवासी संस्कृति, जानें कब और कहां लगेगा भगोरिया

दीपक पाण्डेय/खरगोन.देशभर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में 18 मार्च 2024 सोमवार से भोंगर्या (भगोरिया) लोकपर्व की शुरुआत हो जाएगी. 24 मार्च को होली दहन के साथ पर्व का समापन होगा. बता दें कि भगोरिया महोत्सव आदिवासी समुदाय का सबसे बड़ा त्यौंहार माना जाता है. भगोरिया में आदिवासी समुदाय की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है.

दरअसल, देशभर सहित मध्य प्रदेश के खरगोन में भगोरिया महोत्सव की शुरुआत होली के सात दिन पहले से हो जाती है. इन सात दिनों में अलग-अलग गांवों और शहरों में लगने वाला हाट बाजार मेले का रूप लेता है. मेला खासतौर पर आदिवासियों के लिए लगता है. समुदाय के लोगों की जरूरत की वस्तुओ की बिक्री के लिए दुकानें सजती है.

अपने घर लौटते है परिवार –
शिक्षक पदमसिंह जमरे, मनोज मोरे, डॉ. प्रकाश मकवाने ने बताया की काम की वजह से समाज के लोग पूरे साल अपने गांव घर से दूर अन्य गांवों में निवास करते है, वे सब भगोरिया के पहले सब अपने घर, गांव लौट आते है. भगोरिया में शामिल होकर उत्सव मनाते है.

दिखेगी आदिवासी संस्कृति –
भगोरिया में खासतौर पर बुजुर्ग पगड़ी पहनते है. युवतियां और महिलाएं सज धज के आती है. तोलियो में घूमते है. मेले में खाने पीने सहित घरेलू सामग्री की कई दुकानें लगती है. इसी मेले से लोग सालभर की जरूरत की सामग्री एकसाथ खरीद लेते है.

यें रहता है आकर्षण का केंद्र –
समाज की महिलाएं, बुजुर्ग, युवा एवं बच्चे अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर भगोरिया में शामिल होते है. मेलो में बड़े साइज के खास ढोल लाए जाते है. इन्हें बजाने वाले भी खास लोग होते है. धूल की थाप और बासुरी की धुन आकर्षक का केंद्र रहती है. समुदाय के युवक युवतियां ढोल के चारो ओर घेरे में नाचते है. एक दूसरे को गुलाल लगाकर शुभकामनाएं देते है.

यहां लगेंगे भगोरिया –
इस साल 18 मार्च को जिले के बिस्टान से शुरुआत होगी. इसके बाद 19 मार्च को पीपलझोपा एवं मोहना, 20 मार्च को धुलकोट एवं सिरवेल, 21 मार्च को काबरी एवं सरवर देवला, 22 मार्च को टांडाबरूड़, 23 मार्च को भगवानपुरा एवं गढ़ी, 24 मार्च को भाग्यपुर एवं कमोद में भगोरिया पर्व की धूम रहेगी.

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