MP के इस शहर से उठी चिंगारी, वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग, जानें मामला

ग्वालियर. आज यानी 26 फरवरी को वीर संवारकर की पुण्यतिथि है. इस मौके पर हिन्दू महासभा ने एक बार फिर से सांवरकर को भारत रत्न देने की मांग उठाई है. हिन्दू महासभा ने कटोराताल स्थित वीर सांवरकर प्रतिमा स्थल पर पुष्पाजंलि अर्पित की. उसने ढोल बजाकर केंद्र सरकार से सांवरकर के लिए भारत रत्न सम्मान घोषित करने की मांग की. संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने कहा कि हिंदू महासभा ने साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को ग्वालियर में ज्ञापन पत्र दिया था. इसमें हिंदू महासभा ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी.  उस समय केंद्र सरकार ने इस बात का आश्वासन दिया था कि मांग पर विचार किया जाएगा. लेकिन, सरकारों ने आज तक सावरकर को भारत रत्न देने पर विचार नहीं किया.

आज उनकी पुण्यतिथि पर ढोल बजाकर सरकारों का ध्यान आकर्षित किया गया है. गौरतलब है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वीर सांवरकर को याद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्र की स्वतंत्रता और अखंडता के प्रति सावरकर के अटूट समर्पण को देश याद रखेगा. पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि वीर सावरकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि. हमारे देश की स्वतंत्रता और अखंडता के लिए भारत उनकी वीरता और अटूट समर्पण को हमेशा याद रखेगा. उनका योगदान हमें अपने देश के विकास और समृद्धि के वास्ते प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है.

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गौरतलब है कि 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के भांगूर में जन्मे विनायक दामोदर सावरकर देश के पहले ऐसे क्रांतिकारी हैं, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. उन्हें अंडमान की जेल में रखा गया था. इसे काला पानी की सजा के तौर पर याद किया जाता है. वीर सावरकर को कोल्हू में बैल की जगह लगाकर कठोर यातनाएं दी गईं. वकील, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, विचारक और समाज सुधारक वीर सावरकर का निधन 26 फरवरी, 1966 को हो गया था.

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