(गणेश कुमार बाविस्कर), बुरहानपुर. मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी लचर हैं, उसका अंदाजा बुरहानपुर जिले की इस खबर से लग जाता है. शहर के स्व. नंदकुमार सिंह चौहान जिला अस्पताल में दुध मुंहे बच्चे फजीहत का शिकार हो रहे हैं. व्यवस्थाएं न होने से उनकी माओं को उन्हें संभालने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नसबंदी कराने आई माएंअपने बच्चों को पेड़ो की टहनियों या बरामदों की रेलिंग से साड़ियों को बांधकर उन्हें झुलाने को मजबूर हैं. आशा कार्यकर्ता इन महिलाओं को गांव-गांव से लेकर आती हैं. लेकिन, उनके लिए अस्पताल में न तो साफ पानी की व्यवस्था की जाती है, न ही कुछ खाने की. इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि भविष्य में सुविधाएं देने की कोशिश करेंगे.
महिलाओं का यहां डॉक्टरों का भी लंबा इंतजार करना पड़ता है. बता दें, जिला अस्पताल में मंगलवार और शनिवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया जाता है. इसके लिए शिविर में सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होता है. लेकिन, घंटों तक डॉक्टर के इंताजार में महिलाएं परेशान होती हैं. परिजन बच्चों को संभालने के लिए पूरे अस्पताल में भटकते रहते हैं. अस्पताल में छोटे-छोटे बच्चों के लिए झूला घर नहीं होने से बेहद उन्हें बेहद परेशानी होती है. परिजन पेड़ों और अस्पताल परिसर में लगी रेलिंग पर साड़ी से झूले बनाते हैं. इन झूलों में बच्चों को रिझाते और चुप कराते हैं. हालांकि, यह समस्या नई नहीं है. हर बार सैकड़ों महिलाओं को इसी तरह की समस्या से जूझना पड़ता है.
BURHANPUR MP – बुरहानपुर के जिला अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन कराने आई महिलाओं के दूध मुंहे बच्चो की फजीहत। झूला घर के अभाव में परिजन पेड़ो की टहनियों और लोहे की रॉड को साडिया बांधकर टांग रहे झूले। रोते बिलखते बच्चो को सुला रहे परिजन। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी। pic.twitter.com/SzoxmROrMo
— Ganeshkumar Bawiskar (@Ganeshbawiskar) November 26, 2023
महिलाओं को नहीं मिलती कोई सुविधा
कई बार नसबंदी शिविर में महिलाओं को देर रात रुकवाया जाता है. यहां नसबंदी ऑपरेशन कराने आई महिलाओं की परिजन अनिताबाई और गंगाबाई ने बताया कि आशा, उषा कार्यकर्ता गांव-गांव से अपना टारगेट पूरा करने के लिए महिलाओं को जिला अस्पताल लाती हैं. लेकिन, नसबंदी कराने आई महिलाओं के बच्चों और परिजनों के लिए किसी तरह की सुविधा का इंतजाम नहीं किया जाता. अस्पताल प्रबंधन न पीने के पानी की व्यवस्था करता है, और न ही खाने की व्यवस्था करता है. नसबंदी समय पर नहीं होने से परिजनों और बच्चो को घंटों भूखा भी रहना पड़ता है. परिवार नियोजन नसबंदी शिविर में इंदौर से विशेष डॉक्टर को बुलाया जाता है. यह नसबंदी शिविर जिले में तीन स्थानों शाहपुर, खकनार और बुरहानपुर में लगाए जाते हैं.
.
Tags: Khandwa news, Mp news
FIRST PUBLISHED : November 26, 2023, 17:11 IST