MP का यह देवी मंदिर,108 सिद्धपीठों में शामिल, यहां भी गिरा था सती माता का अंग

दीपक पाण्डेय/खरगोन.मां भगवती की 108 सिद्धपीठ में मध्यप्रदेश की विंध्यवासिनी स्वाहा महेश्वरी देवी का मंदिर भी शामिल है. क्षेत्र में भवानी माता के नाम से यह मंदिर प्रसिद्ध है. माता का यह मंदिर एमपी के खरगोन जिले की पवित्र एवं पर्यटन नगरी महेश्वर के भवानी चौक में मौजूद है. श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र इस मंदिर में शारदीय नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए दूर – दूर से भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. मंदिर में विराजित लगभग तीन फिट ऊंची मां भवानी की प्रतिमा काले पाषाण के पत्थर से निर्मित होकर माता की सवारी शेर की प्रतिमा भी काले पत्थर से बनी हुई है. 16 हाथ यानी नौ मीटर की साड़ी माता को लगती है.

मंदिर के पुजारी पंडित विलास झावरे एवं पंडित नरेंद्र काशीनाथ झावरे ने कहा कि विंध्यवासिनी स्वाहा महेश्वरी देवी का यह मंदिर काफी प्राचीन है. हैहय राजवंशमें भी मंदिर का जिक्र होता है. मत्स्य पुराण के 13वें अध्याय में वर्णित 108 सिद्धपीठ में यह मंदिर शामिल है. माता का स्वाह अंग यहां गिरने से यह स्वाहा शक्तिपीठ के रूप में स्थापित हुई है. देवीय पुराण में भी मंदिर का उल्लेख मिलता है. होलकर स्टेट में देवी अहिल्या बाई होलकर द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है, अब यह मंदिर खासगी ट्रस्ट के अधीन है.

दर्शन के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब
कलाकृतियों से तराशे गए स्तंभों और मेहराबो से सुसज्जित भव्य सभा मंडप तथा सुघड़ पत्थरों से मढ़ा माता का गर्भ गृह है. मान्यता है की विश्व की पंचपुरियो में यह मंदिर शामिल है. नवरात्रि में माता की भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है. इसीलिए शारदीय नवरात्रि में हर दिन हजारों की तादात में भक्त माता के दर्शन के लिए आते है. किवदंती है की यहां दर्शन करने वालो भक्तों को तीन प्रहर में तीन अलग अलग रूपो में दर्शन होते है. मान्यता यह भी है की यहां मांगी हुई कोई भी मुराद खाली नहीं जाति.

भवानी चौक में हो रहे आकर्षक गरबा नृत्य
इसी मंदिर के प्रांगण यानी भवानी चौक में हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि में भव्य रूप में सार्वजनिक गरबा महोत्सव मनाया जा रहा है. नौ दिनों तक स्थानीय सहित बाहर के अलग अलग गरबा नृत्य दलों द्वारा गरबा प्रसूतियां दी जा रही है. गरबा देखने वालो की शहर में सबसे ज्यादा भीड़ यहीं लगती है. परंपरागत यहां पुरषों द्वारा निमाड़ी में गरबिया गाई जाति है, झांझ, मंजीरा और ढोल पर ढाप दी जाती है. इन्ही गरबियो पर बालिकाएं गरबा नृत्य करती है.

मनोरंजन के लिए लगा है मेला
नवरात्रि में यहां कई वर्षो से मेले का भी आयोजन हो रहा है. इस बार मेहतवाड़ा रोड़ पर लगे नौ दिवसीय मेले में 150 से ज्यादा विभिन्न सामग्री की दुकानें लगी है. इन दुकानों पर घरेलू सामान सहित बच्चो के खिलौने, खाने पीने के आयटम, मनोरंजन के लिए खेल शामिल है. मेले में हर आयटम सस्ता मिल रहा है. इसके अलावा बच्चो और बड़ो के लिए यहां हवा झूला, ड्रेगन झूला, ब्रेक डांस, हेलीकॉप्टर, कार, मिक्की माउस जैसे कई तरह के झूले लगे हुए है.

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