MP: अनाथ बच्चों को हर महीने मिलेंगे चार हजार रुपए, जानिए क्या है बाल आशीर्वाद योजना

राहुल दवे/इंदौर: मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार बेटियों, युवाओं और महिलाओं के लिए शैक्षणिक, आर्थिक और रोजगार से जुड़ी कई योजनाओं का संचालन करती है. इन तमाम योजनाओं के बीच सरकार अनाथ बच्चों के लिए भी एक बेहद महत्वाकांक्षी योजना संचालित कर रही है.

सरकार ने इस योजना को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना नाम दिया है. इस योजना के तहत ऐसे बच्चे, जिनके सिर से माता-पिता का साया उठ चुका है और वे अपने रिश्तेदार या किसी गार्जियन के साथ रह रहे हैं, उन्हें सरकार की तरफ से हर महीने चार हजार रुपये दिए जाते हैं.

ये है योजना के उद्देश्य
-बाल देखरेख संस्थाओं को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बालकों (आफ्टरकेयर) को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देकर समाज में पुर्नस्थापित करना.
-18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों को जो अपने संबंधियों अथवा संरक्षकों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, उनको आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) उपलब्ध कराना.

योजना के लिए पात्रता
बाल आशीर्वाद योजना के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के अनाथ बच्चे, जो रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों और मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के तहत पात्रता में नहीं आते, पात्र होंगे. स्पॉन्सरशिप में प्रतिमाह 4 हजार रुपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान है. हर महीने मिलने वाली यह राशि बच्चे और उसके रिश्तेदार के संयुक्त बैंक खाते में जमा की जाएगी.

18 वर्ष से अधिक की उम्र के लिए अलग प्रावधान
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ऐसे बच्चों, जो 18 वर्ष के हो गए हैं और बाल देख-रेख संस्थाओं से निर्मुक्त हुए हैं, उनको इस योजना से लाभान्वित किए जाएगा. योजना में 18 वर्ष की आयु से अधिक आयु के बालक-बालिकाओं को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देने का प्रावधान है. आफ्टर केयर में दी जाने वाली सहायता में इंटर्नशिप का लाभ देकर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.

हर महीने मिलेंगे 5 हजार
इंटर्नशिप की अवधि में 5 हजार रुपए की मासिक सहायता अधिकतम एक वर्ष के लिए दी जाएगी.

नि:शुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण
योजना में व्यावसायिक प्रशिक्षण का भी प्रावधान है. पॉलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम में शासकीय संस्थाओं में नि:शुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण अवधि में अधिकतम दो वर्ष के लिए हर महीने 5 हजार रुपए दिए जाएंगे.

उच्च शिक्षा के लिए भी मदद
नीट, जेईई या क्लेट में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए निश्चित सीमा तक देय शुल्क शासन द्वारा वहन करने और आजीविका व्यय के लिए 5 हजार रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है. पाठ्यक्रम अवधि तक फीस (नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस) राज्य शासन वहन करेगा.

आयुष्मान कार्ड भी बनेगा
बाल आशीर्वाद योजना के तहत आने वाले बच्चों की चिकित्सा सहायता के लिए स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान कार्ड भी बना कर देगा.

ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
योजना का लाभ लेने के लिए महिला-बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी से संपर्क करना होगा.

ऑनलाइन आवेदन
योजना अंतर्गत सभी आवेदन दस्तावेजों सहित बाल आशीर्वाद पोर्टल www.balashirwadyojna.mp.gov.in पर प्राप्त किए जाएंगे. आवेदन की प्रक्रिया निशुल्क होगी. आफ्टर केयर अन्तर्गत आवेदन बाल देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक/प्रबंधक के सहयोग से केयर लीवर्स के द्वारा पोर्टल पर दर्ज किए जाएंगे.

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