Moradabad: मदरसे की शिक्षिका को सिलिंडर लदे ट्रक ने कुचला, इलाज नहीं मिलने से गई जान, खरीदारी करने जा रही थीं

Moradabad: Madrasa teacher crushed truck loaded with cylinders, lost her life due to lack treatment

ठाकुरद्वारा में जान गंवाने वाली टीचर प्रियंका
– फोटो : संवाद

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ठाकुरद्वारा के कमालपुरी चौराहे के पास बुधवार सुबह 11 बजे गैस सिलिंडर लदे ट्रक ने मदरसे की शिक्षिका प्रियंका (39) को कुचल दिया। गंभीर रूप से घायल हुई शिक्षिका को इलाज न मिलने के कारण उसकी जान चली गई। शिक्षिका नगर स्थित मदरसा मंजूर-ए-इस्लाम दारुल उलूम में विज्ञान विषय पढ़ाती थीं।

मूलरूप से ठाकुरद्वारा के गांव नन्हूवाला निवासी प्रियंका पत्नी रामानंद सिंह परिवार के साथ करीब पांच साल से नगर के मोहल्ला मुंडो वाली कॉलोनी वार्ड 20 में रहती थीं। बुधवार सुबह करीब 11 बजे मदरसे में पढ़ाने के बाद वह बाजार में खरीदारी करने के लिए पैदल ही जा रही थीं।

जब वह कमालपुरी चौराहे के पास सड़क पार रही थीं । इसी दौरान सुरजननगर की ओर से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने महिला को कुचल दिया। ट्रक में गैस सिलिंडर भरे थे। ट्रक का पिछला पहिया महिला के ऊपर से गुजर गया।

हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई प्रियंका चिल्लाती रहीं और लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। दुर्घटना के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उन्हें निजी एंबुलेस से सीएचसी में पहुंचा।

घायल यहां करीब आधे घंटे तक इलाज के लिए तड़पती रही, बाद में डॉक्टरों ने महिला को बेहतर इलाज की बात कहकर हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन महिला को काशीपुर स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया।

महिला के पति का आरोप है कि सीएचसी में महिला को तुरंत उपचार मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। वहीं ट्रक के बीच सड़क पर खड़े होने के चलते मार्ग पर जाम लग गया। पुलिस ने ट्रक को हटवाकर यातायात को सुचारू करवाया। पुलिस ने ट्रक चालक को हिरासत में ले लिया है।

तीन दिन पहले ही मनाया था प्रियंका ने जन्मदिन

परिजनों ने बताया कि तीन दिन पहले की प्रियंका का जन्मदिन था। बुधवार सुबह प्रियंका मदरसे में पढ़ाने गई थी। पढ़ाने के बाद बाजार जाते समय हादसा हो गया। महिला का पति रामानंद एक निजी फैक्टरी में काम करते हैं। शिक्षिका की मौत से पति रामानंद, बेटी वैष्णवी और बेटा प्रियांशु व हर्षित सदमे में हैं।

नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस

 

 

सीएचसी में उपचार न मिलने पर हादसे में घायल महिला को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद निजी एंबुलेंस की मदद से ही घायल महिला को काशीपुर स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।

परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर सरकारी एंबुलेंस भी न उपलब्ध कराने का आरोप लगाया। वहीं अस्पताल स्टाफ का कहना है कि काशीपुर के उत्तराखंड में होने के चलते वहां सरकारी एंबुलेंस नहीं भेजी जा सकती। इसलिए महिला का निजी एंबुलेंस की मदद से भेजा गया।

महिला के शरीर में नहीं बचा था खून

डॉ. कुणाल चौहान का कहना है कि उन्होंने महिला का इलाज करने की कोशिश की। इंजेक्शन लगाने के लिए उनकी नस ढूंढने की कोशिश की, लेकिन महिला के शरीर में ब्लड नहीं बचा था। जिसके चलते उनकी नस नहीं मिल सकी। इसलिए महिला को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया।

 

दूसरे प्रदेश में नहीं जा सकती 108 एंबुलेंस

सीएचसी के अधीक्षक डॉ. राजपाल सिंह का कहना है कि सरकारी 108 एंबुलेंस सिर्फ यूपी में ही जा सकती है। उत्तराखंड में नहीं जा सकती है। मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने महिला का उपचार करने का पूरा प्रयास किया। 

 लेकिन परिस्थितियों के चलते डॉक्टर के काफी काफी प्रयास के बाद भी शिक्षिका को प्राथमिक उपचार देने में असमर्थ रहे। हालांकि जितने भी एक्सीडेंट सरकारी अस्पताल में आते हैं उनमें से ज्यादातर को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाते है। 

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