
नगर निकाय चुनाव 2022
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मेयर पद के आरक्षण के लिए चल रही चर्चाओं में सोमवार को विराम लग गया। नगर निकाय चुनाव के लिए मुरादाबाद के मेयर का आरक्षण घोषित कर दिया गया। 22 साल बाद दूसरी बार मेयर पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इससे पहले वर्ष 2000 में मेयर सीट महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था।
नगर निकाय चुनाव के अंतर्गत नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत की आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। पुरूष दावेदारों के चुनाव लड़ने के मंसूबे पर पानी फिर गया है, मुरादाबाद की मेयर सीट को महिला के लिए आरक्षित किया गया है। मुरादाबाद में अब तक सपा से हुमायूं कदीर, डॉ एसटी हसन, विनोद अग्रवाल मेयर बने, वहीं महिला में केवल बीना अग्रवाल मेयर रहीं।
वर्ष 2000 में मिली थी मुरादाबाद को पहली महिला मेयर
वर्ष 1995 में मुरादाबाद नगर निगम का गठन किया गया था। इससे पहले मुरादाबाद को नगर पालिका का दर्जा था। अभी तक मेयर पद के लिए हुए पांच चुनावों में तीन बार भाजपा और दो बार सपा ने जीत दर्ज की है, जबकि एक बार हुए उपचुनाव में भी भाजपा को विजय मिली थी। इन पांच चुनावों में मेयर सीट सामान्य श्रेणी में ही रही। वर्ष 2000 में सामान्य महिला के लिए आरक्षित रही, तब भाजपा की बीना अग्रवाल मेयर बनीं।
22 साल बाद दूसरी बार मिलेगी महिला मेयर
राजनीतिक दलों को उम्मीद थी कि इस बार मेयर सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार सीट महिलाओं के आरक्षित कर दिया गया है। मुरादाबाद नगर निगम के पहले मेयर बनने का खिताब हुमायूं कदीर को मिला था, जबकि पहली मेयर बनने का गौरव बीना अग्रवाल को हासिल हुआ था। बीना अग्रवाल 2000 और 2012 में दो बार मेयर बनीं थी। वर्ष 2016 में बीना अग्रवाल के निधन पर उपचुनाव हुआ था, तब विनोद अग्रवाल मेयर बने थे।
एक नजर मेयर सीट के आरक्षण पर
वर्ष मेयर सीट चुने गए मेयर
1995 सामान्य हुमायूं कदीर (सपा)
2000 सामान्य महिला बीना अग्रवाल (भाजपा)
2006 सामान्य डॉ. एसटी हसन (सपा)
2012 सामान्य बीना अग्रवाल (भाजपा)
2017 सामान्य विनोद अग्रवाल (भाजपा)