Petrol-Diesel Price Today: भारत में लंबे समय से पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में कटौती देखने को नहीं मिली है. इस बीच कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में कई बार उतार-चढ़ाव आया है, लेकिन उसके बाद में भी घरेलू बाजार में तेल की कीमतें जस की तस बनी हुई हैं. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद अगले साल होने वाले आम चुनाव के कारण पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
18 महीने से नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के भाव
सार्वजनिक क्षेत्र के तीन ईंधन खुदरा विक्रेताओं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लगातार 18 महीनों से स्थिर रखा है. ये कंपनियां करीब 90 प्रतिशत बाजार को नियंत्रित करती हैं.
पिछले साल सरकारी कंपनियों को हुआ भारी नुकसान
पिछले साल कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद ऐसा किया गया, जिससे वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में इन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ.
इंटरनेशनल मार्केट में क्या है हाल?
अगस्त के बाद से इंटरनेशनल लेवल पर तेल की कीमतें मजबूत होने से तीनों खुदरा विक्रेताओं का मुनाफा (मार्जिन) फिर से नकारात्मक श्रेणी में चला गया है.
मूडीज ने जारी की रिपोर्ट
मूडीज की रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें भारत में तीन सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल की लाभप्रदता को कमजोर कर देंगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों कंपनियों के पास मई 2024 में आम चुनाव के कारण चालू वित्त वर्ष में पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री कीमतों में वृद्धि करने के सीमित अवसर होंगे. बहरहाल, वैश्विक वृद्धि कमजोर होने के कारण तेल की ऊंची कीमतें लंबे समय तक कायम रहने की आशंका नहीं है.
इनपुट – भाषा एजेंसी