मोहन भागवत ने ‘‘स्वयंसेवकों’’ को संबोधित करते हुए ‘‘पंच परिवर्तन’’ पर जोर दिया, जो पांच मूल तत्वों पर आधारित सामाजिक परिवर्तन का दृष्टिकोण है। सरसंघचालक ने कहा कि आरएसएस कार्यकर्ताओं को ‘‘सामाजिक समरसता’’ और ‘‘कुटुंब भाव’’ की भावना को अपनाना चाहिए।
पटना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन के कार्यकर्ताओं से समाज के लिए उच्च मानक स्थापित करने का आग्रह किया। भागवत ने ‘‘स्वयंसेवकों’’ को संबोधित करते हुए ‘‘पंच परिवर्तन’’ पर जोर दिया, जो पांच मूल तत्वों पर आधारित सामाजिक परिवर्तन का दृष्टिकोण है। सरसंघचालक ने कहा कि आरएसएस कार्यकर्ताओं को ‘‘सामाजिक समरसता’’ और ‘‘कुटुंब भाव’’ की भावना को अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को अपने जीवन में सामाजिक सद्भाव और पूरे समाज को अपने परिवार के रूप में देखने की भावना का प्रदर्शन करना चाहिए। भागवत ने पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता के महत्व पर भी जोर दिया और स्वयंसेवकों से ‘‘प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने और दूसरों को इसके उपयोग से रोकने’’ के लिए कहा। उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से ‘‘पेड़ लगाने और उनकी रक्षा करने तथा पानी की बर्बादी के खिलाफ जागरूकता पैदा करने’’ के लिए भी कहा।
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