रिपोर्ट – कमल पिमोली
श्रीनगर गढ़वाल. दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ सीमा भंडारी वापस पहाड़ लौटीं, तो वह अपने मन में मिशन लेकर लौटी थीं. पहाड़ को पॉलीथिन-फ्री करने के मकसद से सीमा ने शरणा गांव में बायोडिग्रेडेबल बैग बनाने की फैक्ट्री लगाई. आज उनके बनाए बैग पूरे गढ़वाल में पॉपुलर हो रहे हैं. सीमा बताती हैं कि वह 2019 में दिल्ली से अपने घर श्रीनगर लौटी थीं. 12 साल तक उन्होंने दिल्ली की कई मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी की, लेकिन सुकून नहीं मिला. आखिरकार वापस पहाड़ लौट आईं. यहां पर्यावरण के लिए कुछ करने के उद्देश्य के साथ उन्होंने स्वरोजगार की राह अपनाई. वह कहती हैं कि प्लास्टिक से पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र में बायोडिग्रेबल बैग फैक्टी लगाने का मन बनाया.
सरकार की योजना का लिया लाभ
सीमा भंडारी ने बताया कि फैक्ट्री लगाने के लिए सरकारी योजना का लाभ उठाया. चूंकि उन्हें बैग बनाने का कोई अनुभव नहीं था, इसलिए इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया. इसके बाद श्रीनगर से 8 किमी दूर शरणा गांव में बायोडिग्रेडेबल फैक्ट्री स्थापित की. इसे हिल मैजिक बायोडिग्रेडेबल एंड कंपोस्टेबल बैग नाम दिया गया. सीमा ने बताया कि उन्होंने फैक्ट्री लगाने के लिए 2021 में बैंक से लोन लिया और साल 2023 में फैक्ट्री से पहला प्रोडक्शन शुरू किया. वर्तमान में उन्होंने 6 लोगों को रोजगार दिया हुआ है. वह कहती हैं कि धीरे-धीरे और लोगों को नौकरी दी जाएगी, ताकि पहाड़ से लोगों को पलायन न करना पड़े.
पहाड़ों को करना है पॉलीथिन मुक्त
सीमा कहती हैं कि पूरे गढ़वाल क्षेत्र में बायोडिग्रेबल बैग का प्रयोग कर गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्र को पूर्ण रूप से पॉलिथीन मुक्त करना उनका लक्ष्य है. शुरुआती दौर में परेशानियां आईं, कई तरह की दिक्कतें सामने आई, लेकिन अब जब बाजार में उनके बैग खरीदारी में प्रयोग होते हैं, तो अच्छा लगता है. सीमा बताती हैं कि बायोडिग्रेडेबल बैग बनाने के लिए कॉर्न स्टार्च का प्रयोग किया जाता है. ये बैग पानी में सात घंटे के अंदर गल जाते हैं और यदि कोई जानवर इसे खाता है, तो इसका दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है. इसका प्रयोग खाद के रूप में भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि यह पूर्ण रूप से ईको फ्रेंडली है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है. बैग की खरीदारी या फिर अन्य जानकारी के लिए आप इस मोबाइल नंबर 9999800902 पर संपर्क कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 9, 2024, 19:41 IST