गोरखपुर38 मिनट पहले
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MPPG कॉलेज जंगल धूसड़ के B.ED डिपार्टमेंट के तहत 2 दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस ’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : संकल्प से सिद्धि तक’ का समापन समारोह रविवार को कॉलेज कैंपस में आयोजित किया गया।
समारोह के चीफ गेस्ट सेंटर ऑफ पॉलिसी, रिसर्च एंड गवर्नेंस, नई दिल्ली के डायरेक्टर रामानंद ने कहा कि शिक्षा का आशय कौशल विकास से है। इसलिए तकनीकी शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। स्टूडेंट्स को तकनीकी कौशलों का प्रशिक्षण देकर नौकरियों और उद्यमिता के क्षेत्र में मौके दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को डिजिटल माध्यमों से प्रमोट किया जाएगा। उच्चतर शिक्षा में तकनीकी और व्यावसायिक स्लेबस को आधुनिक बनाने का प्रयास किया जाएगा।
NEP से इंटरप्रेन्योरशिप को मिलेगा बढ़ावा
नेशनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए MMMUT के कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत में शिक्षा के कई पहलुओं को सुधारने और विकसित करने का प्लान है। यह इंटरप्रेन्योरशिप को भी प्रोत्साहित करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विभिन्न स्तरों पर इंटरप्रेन्योरशिप कौशल को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल और कॉलेजों में इंटरप्रेन्योरशिप के कार्यक्रमों का प्रसार करने की बात करती है। इस नीति में इंटरप्रेन्योरशिप से संबंधित स्लेबस को बढ़ावा देने की बात की गई है, जो युवाओं को व्यवसायिक जगह पर तैयार करेंगे।
NEP से मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
स्पेशल गेस्ट के रूप में मौजूद क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, प्रो. अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि NEP गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और जन-जन तक पहुंचाने के लक्ष्य पर केंद्रित है। इसमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतिम पायदान तक शिक्षा के प्रसार पर बल दिया गया है।
ग्रास एनरोलमेंट अनुपात 26.2 प्रतिशत
एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्व के ग्रास एनरोलमेंट अनुपात को देखा जाए तो 26.2 प्रतिशत रहा है, आगे चलकर यह 27.3 प्रतिशत तक हो गया। 2050 तक 50 परसेंट तक पहुंचाने की उम्मीद है। इस शिक्षा नीति में मल्टीप्ल एंट्री और मल्टीप्ल एग्जिट की बात की गई है। इस शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को और अधिक विकल्प तथा पाठ्यक्रम मिलेंगे।