भारतीय जनता पार्टी ने 7 नवंबर को होने वाले मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी हैं। वहीं इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी बिगुल फूंकने के लिए मिजोरम जाएंगे। बीजेपी राज्य में धर्म के आधार पर कार्ड खेलने की कोशिश में हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने 7 नवंबर को होने वाले मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी हैं। पार्टी इस बार किसी भी कीमत पर राज्य की सत्ता अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती है। इसलिए पार्टी ने विधानसभा चुनावों के लिए जो रणनीति तैयार की है, उसके तहत राज्य में बड़े चेहरे बड़ी जिम्मेदारी निभाएंगे। वहीं दावेदार यह साबित करने में लगे हैं कि चुनावी मैदान में उतरकर जनता के विश्वास को हासिल करेंगे।
ऐसे में अगर बीजेपी बहुमत का आंकड़ा पार करती है, तो राज्य के नेताओं के प्रदर्शन और साथ खड़े विधायकों की संख्या के आधार पर बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने का विचार किया जाएगा। भाजपा की कोर कमेटी में यह फैसला लिया गया है कि 28 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान बाद में किया जाएगा। बता दें कि भाजपा मिजो नेशनल फ्रंट के साथ सत्ता में थी। तब मिजो नेशनल फ्रंट ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तो वहीं कांग्रेस को 5 सीटें हासिल हुई थीं।
हांलाकि राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। लेकिन बीजेपी सेंध लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। पार्टी बूथ स्तर पर समितियों का गठन कर रही है और सदस्यता अभियान चला रही है। वहीं पीएम मोदी ने भी पिछले साल दिसंबर में राज्य का दौरा किया था। वहीं इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनावी बिगुल फूंकने के लिए मिजोरम जाएंगे। बीजेपी राज्य में धर्म के आधार पर कार्ड खेलने की कोशिश में हैं। राज्य में करीब 87 फीसदी आबादी ईसाइयों की है। वहीं बीजेपी को ईसाई विरोधी करार दिया गया है। ऐसे में बीजेपी कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट के वोटबैंक में सेंध लगाने की फिराक में जुटी है।
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