MIRZAPUR: जरबेरा फूल की खेती से बदल रही किस्मत, सालाना टर्न ओवर जानकर चौंक जाएंगे आप

मंगला तिवारी/मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के किसान अब परंपरागत खेती से इतर नई फसलों की खेती के तरफ रुझान कर रहे हैं. जिससे अच्छी आमदनी के साथ ही लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहा है. ऐसे ही किसान नजम अंसारी की जरबेरा फूल की खेती से तकदीर बदल गई है. वहीं, इनके फूलों की खुशबू से कानपुर से लेकर दिल्ली तक के बाजार गुलजार हैं.

यूपी के मिर्ज़ापुर जिले के करौदा में भदोही के निवासी नजम अंसारी के द्वारा एक एकड़ में जरबेरा फूल की खेती की जा रही है. पॉली हाउस के अंदर एक तय तापमान के अंदर खेती की जाती है. जरबेरा का फूल एक बारहमासी पौधा है, लाल, गुलाबी, पीला, नारंगी और कई अन्य कलर इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं.

यहा होता है इन फूलों का उपयोग
जरबेरा के बीज लगभग दो सप्ताह में अंकुरित हो जाते हैं. जरबेरा के आकर्षक फूलों का उपयोग शुभ आयोजनों व शादी समारोह के अलावा होटल इत्यादि जगहों पर सजावट के लिए किया जाता है. इसके अलावा पत्तो का इस्तेमाल आयुर्वेदक औषिधियों में भी किया जाता है. इस पौधे की खासियत यह है कि यह 90 दिनों के अंदर ही फूल देना शुरू कर देता है. जिसको यदि पानी के बोतल में रख दें तो यह दो हफ्तों से अधिक समय तक हरा भरा रहता है.

लाखों में होता है मुनाफा
जरबेरा की खेती करने वाले नजम अंसारी ने बताया कि जरबेरा के लिए यहां की जलवायु पूरी तरह से उपयुक्त है. हम फूलों को बस के माध्यम से वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर और लखनऊ भेज देते हैं. जहां से व्यापारी उठा लेते हैं. उन्होंने बताया कि जरबेरा की बिक्री फूलों के पीस के हिसाब से होती है. लगन के समय में एक फूल की कीमत दस से 12 रुपये भी मिल जाती है. ऐसे में सलाना 18 से 20 लाख रुपये कमा लेते हैं.

उद्यान विभाग दे रहा सरकारी मदद
जिला उद्यान अधिकारी मेवा राम ने बताया कि मिर्जापुर के पटेहरा ब्लॉक में पॉलीहाउस के अंदर जरबेरा की खेती की जा रही है. वहां की मिट्टी और जलवायु इतनी अच्छी है कि पुणे और अन्य राज्यों से आने वाले फूलों से पहले हमारी बिक्री हो जाती है. फूल की क्वालिटी और रंग बहुत बढ़िया होता है. उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान 2 हजार वर्ग मीटर में जरबेरा की खेती करता है तो लागत काटकर वह सलाना 7 से 8 लाख रुपए कमा लेता है. वहीं, यदि किसान 2 हजार वर्ग मीटर में खेती करना चाहता है तो लगभग 25 लाख रुपए की लागत आती है. जिसका 50 प्रतिशत सरकार द्वारा अनुदान मिलता है.

Tags: Mirzapur news, Uttar pradesh news

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