मोहन प्रकाश/सुपौल. हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बेटा-बेटी अच्छी तालीम हासिल कर बेहतर से बेहतर काम करे. ऐसे ही एक युवक ने पहले कोलकाता के एक नामचीन कॉलेज से एमबीए किया. फिर एक बड़ी कंपनी में जॉब भी मिल गई. जहां एक साल तक नौकरी की, लेकिन उसे अपने काम से संतुष्टि नहीं मिली. उसे लगा कि नौकरी करने की बजाए इस पढ़ाई की बदौलत क्यों न खुद का र्स्टाटअप शुरू किया जाए और दूसरों को भी रोजगार दिया जाए. बस, यहीं से उनकी नई शुरुआत हो गई. इसके बाद युवक घर लौटा और खुद का कारोबार शुरू कर दिया. इसका नतीजा यह है कि आज यह युवक ना केवल हर महीने के 5 लाख रुपए कमा रहा है, बल्कि कई महिलाओं को रोजगार भी दे रखा है.
हम बात कर रहे हैं सुपौल शहर के चकला निर्मली निवासी 37 साल के दीपक कुमार दुबे की. दीपक, स्वरोजगार की नई सोच की बदौलत जिले के सफल युवा उद्यमी में शुमार किए जाते हैं. वह बताते हैं कि मैंने पढ़ाई की, फिर जॉब भी की. लेकिन संतुष्टि नहीं मिली. महसूस हुआ कि काम ऐसा हो कि अपना भी रोजगार हो और दूसरों को भी रोजगार दे सकें. इसलिए जॉब छोड़ कर साल 2014 में घर आया और खुद का सुमन अगरबत्ती के नाम से ब्रांड बनाने के लिए प्लांट लगाया. वह कहते हैं कि एमबीए का लाभ मुझे मार्केटिंग में मिला. इसके अलावा मेडिसिन का काम भी करते हैं.
बिहार-झारखंड तक कर रहे सप्लाई
उन्होंने बताया कि अपने प्लांट में आठ मशीन पर उत्पादन कर रहे हैं. प्लांट से प्रतिमाह पांच क्विंटल रॉ मैटेरियल तैयार हो जाता है. लेकिन डिमांड इतनी है कि यह भी कम पड़ जाता है. दीपक बताते हैं कि उनके प्लांट में तैयार अगरबत्ती बिहार के साथ-साथ झारखंड के देवघर, मधुपुर, हजारीबाग, गढ़वा सहित अन्य जिले में सप्लाई किए जाते हैं. अपने कारोबार के माध्यम से वे सीधे तौर पर पैकिंग में 10 लोगों को रोजगार दे रहे हैं. जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 10-15 परिवारों को रोजगार दे रहे हैं, जो कमीशन पर काम करते हैं. उनका फोकस ब्रांड वैल्यू पर है.
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FIRST PUBLISHED : December 28, 2023, 13:40 IST