श्रीराम छाप के झंडे व पटके खरीदते लोग
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अयोध्याधाम में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने से तीर्थनगरी मथुरा आनंदित है। यहां का साड़ी कारोबार भी श्रीराम के कारण कई गुनी रफ्तार से चल पड़ा है। दरअसल, साड़ी कारखानों में श्रीराम छाप के पटके और ध्वज बनाए जा रहे हैं। लाखों पटके और ध्वज हर रोज अयोध्या से लेकर देश के अन्य शहरों में सप्लाई किए जा रहे हैं। हिंदूवादी संगठन भी सीधे यहां से श्रीराम ध्वज व पटके खरीद रहे हैं।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को है। इस दिन पूरा देश दिवाली मनाएगा। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के भव्य और दिव्य आंदोलन को ब्रज से ही धार दी गई थी। अब प्राण प्रतिष्ठा उत्सव भी ब्रज से दिव्य और भव्य रूप से मनाए जाने की प्रेरणा ले रहा है। मथुरा में संचालित साड़ी कारखानों में साड़ी की रंगाई-छपाई के काम को कई दिनों से बंद कर दिया गया है। कारखानों में अब रात-दिन श्रीराम ध्वज व पटकों की छपाई-बनाई का काम चल रहा है।
तीन आकार के बनाए जा रहे ध्वज
साड़ी उद्योग के संरक्षक राजेश बजाज बताते हैं कि जिले में 45 साड़ी कारखाने संचालित हैं। सभी में 28 गुणा 28, 28 गुणा 42 और 40 गुणा 60 के श्रीराम ध्वज बनाए जा रहे हैं। 18 जनवरी तक ऑर्डर पूरा करने क दबाव है। अयोध्या के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, दिल्ली व देश के अन्य हिस्सों से इनकी मांग आ रही है।
साड़ी कारोबार मंदी के दौर से गुजर रहा था, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन ने उद्योग को रफ्तार दे दी है। श्रीराम की धनुष बाण के साथ छवि वाले ध्वज की अधिक मांग है। वहीं, श्रीराम भक्त हनुमानजी पर्वत को उठाते हुए, अयोध्या के भव्य मंदिर की प्रिंटिंग वाले, राम-राम लिखे भगवा रंग की पताकाओं और ध्वज की भी खूब मांग है।