अलीगढ़ विकास प्राधिकरण
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अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) की शहर के सुनियोजित विकास के लिए तैयार की गई महायोजना-2031 के संशोधित प्रारूप को 16 फरवरी को शासन ने मंजूरी दे दी। इसमें साल 2031 तक 43 लाख की अनुमानित आबादी की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकास का खाका खींचा गया है।
एडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने मीडिया को इसकी विस्तृत जानकारी दी और बताया कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि यह पहली जीआईएस बेस्ड (ज्योग्राफिक इंफोरमेशन सिस्टम) महायोजना है। उन्होंने बताया कि देश-विदेश में अलीगढ़ की पहचान ताला, तालीम के रूप में है। शहर के सुनियोजित विकास के लिए अगले 10 वर्ष को ध्यान में रखते हुए यह महायोजना तैयार की गई है।
उन्होंने बताया कि इसे मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने कुछ सुझाव दिए, उन्हें शामिल कर महायोजना का संशोधित प्रारूप तैयार किया गया। जिसे मंजूरी मिल गई है। लंबे समय से शहरवासियों को इसका इंतजार था। करीब तीन साल से इस महायोजना को तैयार करने, आपत्ति निस्तारण आदि पर गहन मंथन चल रहा था। कई भवन निर्माण कार्य भी इसी के इंतजार में अटके हुए हैं। नई महायोजना लागू होने के बाद एडीए की भी आय बढ़ेगी और भवन निर्माण के लिए पास होने वाले नक्शों की संख्या में वृद्धि होगी। महानगर के रामघाट रोड पर सम्मिलित भू-उपयोग घोषित किया गया है। तालानगरी व जीटी रोड पर औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ाया गया है।