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मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर जारांगे 29 अगस्त से मुंबई से 400 किलोमीटर से अधिक दूर मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थे।
महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण विवाद के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कार्यकर्ता मनोज जारांगे से मुलाकात की। जिसके बाद कार्यकर्ता ने अपनी 17 दिन लंबी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी। मुख्यमंत्री के साथ विधायक गिरीश महाजन, राज्य मंत्री राव साहेब दानवे, कैबिनेट मंत्री उदय सामंत भी थे। मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर जारांगे 29 अगस्त से मुंबई से 400 किलोमीटर से अधिक दूर मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सराती गांव में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थे।
जारांगे ने सीएम से मुलाकात के बाद कहा, “हमें केवल सीएम शिंदे से न्याय की उम्मीद है। अगर किसी में तत्काल निर्णय लेने की क्षमता है, तो वह एकनाथ शिंदे में हैं।” कार्यकर्ता ने कहा, “मराठा समुदाय को मुझ पर भरोसा करना चाहिए। मैं आरक्षण की मांग से पीछे नहीं हटूंगा। और इसलिए हम समय सीमा 10 दिन और बढ़ाते हैं।” कार्यकर्ता को जूस पिलाने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा, ”मैं मनोज जारांगे का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यहां बुलाया और भूख हड़ताल खत्म करायी. मैं मनोज को काफी समय से जानता हूं, वह बहुत अच्छे इंसान हैं। मैं उन्हें हृदय से बधाई देता हूं, क्योंकि किसी आंदोलन को संगठित करना या भूख हड़ताल करना और उसे आगे बढ़ाना बहुत बड़ा काम होता है।”
सीएम ने यह भी कहा कि लाठीचार्ज के समय जिम्मेदार लोगों को निलंबित कर दिया गया। मैंने पुलिस से इन सभी लोगों के बयान लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के 3700 लोगों को नौकरी नहीं मिल रही थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी। लेकिन मैंने उन्हें नौकरी देने का फैसला किया है। यह सरकार की जिम्मेदारी होगी और मुख्यमंत्री होने के नाते यह मेरे ऊपर है।
#WATCH| Jalna, Maharashtra: Maratha activist Manoj Jarange Patil withdraws his hunger strike as Maharashtra CM Eknath Shinde offers him juice pic.twitter.com/hXuJgdK0Xa
— ANI (@ANI) September 14, 2023
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