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ठाकरे ने कहा कि हमने अंतरवाली गांव में लाठीचार्ज देखा, इसकी जरूरत नहीं थी लेकिन आज मैं सरकार से सवाल नहीं करूंगा। यह आरक्षण शिक्षा और नौकरी के लिए है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम (एकनाथ शिंदे) का इतिहास हर कोई जानता है और इसलिए जब तक उन्होंने जो कहा है उस पर अमल नहीं होता तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।
महाराष्ट्र विधानसभा ने मंगलवार को मराठा आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके तहत समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा विशेष विधानसभा सत्र में पेश किए जाने के कुछ मिनट बाद ही विधेयक पारित कर दिया गया। मराठा आरक्षण के फैसले पर उद्धव ठाकरे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिल का अध्ययन करने के बाद इस बिल को सदन के पटल पर रखा और यह पास हो गया और यह कोर्ट में भी रहेगा। उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं और हम सरकार की सराहना करते हैं। मैं मराठा लोगों को बधाई देता हूं और इस मराठा आरक्षण के लिए कई लोगों ने अपना बलिदान दिया।
ठाकरे ने कहा कि हमने अंतरवाली गांव में लाठीचार्ज देखा, इसकी जरूरत नहीं थी लेकिन आज मैं सरकार से सवाल नहीं करूंगा। यह आरक्षण शिक्षा और नौकरी के लिए है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम (एकनाथ शिंदे) का इतिहास हर कोई जानता है और इसलिए जब तक उन्होंने जो कहा है उस पर अमल नहीं होता तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। हमने सरकार का समर्थन किया है लेकिन कितने लोगों को नौकरी मिल रही है यह जल्द बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह फुल प्रूफ है और इसके लिए हमें कुछ समय इंतजार करना होगा।
मराठा आरक्षण बिल पर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अनिल भाईदास पाटिल ने कहा कि यह खुशी का क्षण है कि सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने जो वचन दिया था वह पूरा हुआ और मराठा आरक्षण दिया गया… हम बहुत खुश हैं। बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा कि मराठा समुदाय अब इस आरक्षण का लाभ उठाएगा. जब भी देवेन्द्र फड़नवीस सरकार में होते हैं, तब आरक्षण रहता है…यह मराठा समुदाय के लिए एक बड़ा दिन है।
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