New Delhi:
Maratha Reservation: महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पर शिंदे सरकार ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है. दरअसल महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर 10 फीसदी की मंजूरी मिली है. बता दें कि बीते एक दशक में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर तीसरी बार इस तरह का बिल सदन में पास किया गया है. बता दें कि मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान यह फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को खास मंजूदी दी है.
28 फीसदी मराठा समुदाय को 10 फीसदी रिजर्वेशन
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार की ओर से लिए गए इस अहम फैसले के चलते प्रदेश में 28 फीसदी मराठा समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. इसके साथ-साथ आरक्षण उच्च शिक्षण संस्थानों में भी देने को लेकर प्रस्ताव रखा गया है जिसे सदन में आम सहमति मिल गई है.
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किस आधार पर हुआ फैसला
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार की ओर से 10 फीसदी मराठा आरक्षण के पीछे जो आधार है वह राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश के आधार पर लगाया है. आयोग की ओर से राज्य में 28 प्रतिशत आबादी मराठा है. यही वहीं आयोग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की कुछ असाधारण वजह हैं. ऐसे में आरक्षण को 50 प्रतिशत तक किया जा सकता है.
बता दें कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के अलावा भी आरक्षण दिया जा रहा है. ये रिजर्वेशन 10 फीसदी ईडबल्यूएस को दिया जा रहा है. इसे मिलाकर अबतक प्रदेश में कुल 62 फीसदी रिजर्वेशन दिया जा रहा है. इसमें मराठा समुदाय के आरक्षण को मिला लिया जाए तो महाराष्ट्र में कुल आरक्षण का आंकड़ा 72 प्रतिशत हो जाएगा.