Manish Sisodia की गिरफ्तारी के एक साल पूरे, अब तक नहीं मिल पाई है जमानत, जानें क्या है वर्तमान स्थिति

आज से ठीक एक साल पहले, 26 फरवरी, 2023 को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में आठ घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई मामले के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कथित मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रहा है। वरिष्ठ आप नेता को सलाखों के पीछे एक साल पूरा हो गया है। उनकी जमानत याचिका बार-बार खारिज भी हुई है। ऐसे में उनके खिलाफ मामलों की स्थिति पर नजर डालते हैं। 

आप का एक्स पोस्ट

एक साल पूरा होने पर आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया को लेकर कई एक्स पोस्ट किए हैं। भारत में शिक्षा क्रांति के जनक ‘मनीष सिसोदिया’ जी को सलाम। ये देश का दुर्भाग्य है कि देश का सबसे अच्छा शिक्षा मंत्री 1 साल से जेल में है, और सारे भ्रष्टाचारी BJP में हैं। मनीष जी आप डटे रहो, देश के बच्चों की दुआएं आपके साथ हैं। एक और पोस्ट में कहा गया कि विडंबना देखिए सभी भ्रष्टाचारी मोदी जी के साथ सत्ता का सुख भोग रहे हैं और मनीष सिसोदिया जी को लाखों बच्चों का भविष्य संवारने की मोदी सरकार सज़ा दे रही है। पोस्ट में लिखा कि जिस मनीष सिसोदिया जी ने गरीब बच्चों के सपनों को एक नई उड़ान दी। भाजपा उन्हें 1 साल से जेल में रखकर इसी बता की सज़ा दे रही है। 

दोनों मामलों में जमानत खारिज

पिछले साल 30 मई को हाई कोर्ट ने सीबीआई मामले में सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. बाद में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत भी खारिज कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। जुलाई में, ईडी मामले में जमानत की मांग करते हुए, सिसौदिया ने शीर्ष अदालत को बताया कि एजेंसी को उनके द्वारा अपराध से प्राप्त आय का कोई पता नहीं चला है। सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी को यह भी चेतावनी दी कि “जिरह में दो सवालों” के बाद “मामला विफल हो जाएगा”। अदालत ने एक से अधिक मौकों पर दोनों एजेंसियों से कहा कि वे सिसोदिया को “अनिश्चित काल तक जेल में” नहीं रख सकते। फिर भी, एक महीने से भी कम समय के बाद, 30 अक्टूबर को उसने सिसौदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। 14 दिसंबर को, SC ने अपने जमानत फैसले की समीक्षा के लिए उनकी याचिका भी खारिज कर दी।

पत्नी से मिलने की इजाजत

पिछले साल नवंबर में, सिसोदिया को अपनी पत्नी सीमा से मिलने के लिए अपने आवास पर जाने की अनुमति दी गई थी – जो मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित है। इस साल फरवरी में कोर्ट ने हिरासत के दौरान सिसोदिया को सप्ताह में एक बार अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत दी थी। पांच फरवरी को अदालत ने मनीष सिसोदिया को हिरासत में रहने के दौरान सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की सोमवार को अनुमति दे दी। सिसोदिया ने सप्ताह में दो बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए हिरासत में पैरोल की मांग की थी। वहीं, सिसोदिया को भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन की अंतरिम जमानत मिली थी। 

वर्तमान स्थिति

एजेंसियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, जनवरी में सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में नियमित जमानत की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया। हालाँकि, ट्रायल कोर्ट ने आप नेता की न्यायिक हिरासत 12 मार्च तक बढ़ा दी और इस पर फैसला 2 मार्च तक के लिए टाल दिया कि क्या वह सिसौदिया की “नियमित जमानत याचिका” पर विचार करेगी। वहीं, अदालत कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर दो मार्च को सुनवाई करेगी। 

गिरफ्तारी से पहले के घटनाक्रम

दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 लागू की। 

31 जुलाई 2022- नीति जांच के दायरे में आयी, दिल्ली सरकार ने इसे रद्द किया। 

17 अगस्त 2022- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 15 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। 

19 अगस्त 2022- सीबीआई ने यहां सिसोदिया के परिसर पर तलाशी ली। 

22 अगस्त 2022- ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी से निकला धन शोधन का मामला दर्ज किया। 

17 अक्टूबर 2022- सीबीआई अधिकारियों ने करीब आठ घंटे तक सिसोदिया से पूछताछ की। 

25 नवंबर 2022- सीबीआई ने मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। 

15 दिसंबर 2022- अदालत ने सीबीआई के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। 

18 फरवरी 2023- सीबीआई ने सिसोदिया को सम्मन भेजा। 

26 फरवरी 2023- सीबीआई ने कई घंटे तक पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया। 

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