मणिपुर पुलिस ने मौजूदा संकट को देखते हुए “जहां तक संभव हो” स्थानांतरित कर्मियों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने पर का फैसला जरूरत के आधार पर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्थानांतरण आदेश प्रभावी रहेंगे, लेकिन आवश्यकता के अनुसार ही कर्मियों को स्थानांतरित किया जाएगा।
एक आदिवासी निकाय के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मेइती-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में कुकी पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की थी, जिसके बादस्थानांतरित कर्मियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस ने कहा कि स्थानांतरण आदेश अतिरिक्त कर्मियों को सुव्यवस्थित करने के लिए जारी किए गए हैं, लेकिन मौजूदा संकट को देखते हुए इस स्तर पर कर्मियों की तत्काल आवाजाही की कोई आवश्यकता नहीं है।
मणिपुर पुलिस ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर लिखा, “एमआर/आईआर इकाइयों के सभी समुदायों के 177 कर्मियों के विभिन्न इकाइयों में स्थानांतरण और तैनाती के संबंध में मणिपुर पुलिस मुख्यालय के 14.02.2024 के आदेश का संदर्भ लेते हुए सूचित किया जाता है कि सभी एमआर/आईआर इकाइयों में उपलब्ध स्वीकृत पदों अनुरूप अतिरिक्त कर्मियों को सुव्यवस्थित करने और उनके वेतन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए स्थानांतरण व तैनाती की गई है।”
पुलिस ने कहा, “हालांकि, वर्तमान संकट को देखते हुए, फिलहाल कर्मियों की तत्काल आवाजाही की कोई आवश्यकता नहीं है।”
चुराचांदपुर में स्थित इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने शुक्रवार को शाह को पत्र लिखकर स्थानांतरण आदेशों को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का आह्वान किया था। आईटीएलएफ ने दावा किया था कि अगर कुकी ज़ो कर्मियों को मेइती प्रभुत्व वाले जिलों में तैनात किया गया तो राज्य सरकार उनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पाएगी।
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