राज्य में बहुत सारे नागरिक समाज संगठन हैं और वे अलग-अलग बात करते हैं, जिसके चलते चार महीने से जातीय समस्या से जूझ रहे मणिपुर में समाधान निकालना मुश्किल हो गया है। उन्होंने इन संगठनों से साथ मिलकर इस संकट का हल निकालने के लिए ठोस प्रस्ताव पेश करने का आग्रह किया।
इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में बहुत सारे नागरिक समाज संगठन हैं और वे अलग-अलग बात करते हैं, जिसके चलते चार महीने से जातीय समस्या से जूझ रहे मणिपुर में समाधान निकालना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने इन संगठनों से साथ मिलकर इस संकट का हल निकालने के लिए ठोस प्रस्ताव पेश करने का आग्रह किया।
उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘बहुत सारे संगठन हैं। हम अभी बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में हैं। केंद्र और राज्य सरकार दोनों असमंजस में हैं कि किससे बात की जाए। हम जनता (की राय) के साथ चलेंगे और लोगों के हितों के खिलाफ कभी काम नहीं करेंगे।’’
मणिपुर में समुदाय आधारित अनेक नागरिक समाज संगठन हैं। हिंसा में शामिल मेइती और कुकी समुदायों के ऐसे अपने-अपने संगठन हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘लोगों और नागरिक समाज संगठनों को साथ आकर अपना रुख स्पष्ट करते हुए एक ठोस प्रस्ताव पेश करना चाहिए ताकि सरकार इसे केंद्र तक पहुंचा सके। हमें अपने अलग-अलग राजनीतिक और सामुदायिक जुड़ाव के बावजूद एक साथ आना चाहिए और वर्तमान व भविष्य की पीढ़ी को सम्मान के साथ जीने में सक्षम बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
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