मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि वह राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजेंगे क्योंकि उनकी सरकार इसे अकेले नहीं कर सकती।
सिंह के इस बयान के कुछ दिन पहले विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें केंद्र सरकार से ‘‘विशेष रूप से राज्य और राष्ट्र के हित में’’ राज्य में एनआरसी लागू करने का आग्रह किया गया।
पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि उन्होंने और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘‘कोई गलती नहीं’’ की है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में हिंसा के पीछे मेइती, कुकी और नगा समुदाय नहीं हैं। उन्होंने उन लोगों को दोषी ठहराया जो ‘‘मणिपुर को तोड़ना चाहते हैं।’’
सिंह ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य इसे (एनआरसी) लागू नहीं कर सकता। हमने सदन में एक प्रस्ताव लाया है। हम मणिपुर में एनआरसी लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने को लेकर केंद्र सरकार को सिफारिश भेज रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि आधार वर्ष 1961 होगा।
राज्य मंत्रिमंडल ने 2022 में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) के कार्यान्वयन के संबंध में राज्य में अवैध आप्रवासन की पहचान करने के लिए 1961 को आधार के रूप में अपनाया।
आईएलपी दिसंबर 2019 में राज्य में पेश किया गया था और जनवरी 2020 में लागू हुआ।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा शुक्रवार से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू करेगी। हालांकि पार्टी ने अभी तक मणिपुर के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
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