Mahashivratri 2024: ये है भारत से सबसे प्रसिद्ध 10 शिव मंदिर, जहां माथा टेकने से हो जाती है सारी मुरादें पूरी

नई दिल्ली:

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के मंदिरों का विशेष महत्व होता है. इस दिन भक्तों द्वारा भगवान शिव के मंदिरों में भक्ति और पूजा की जाती है. यह दिन उनके मंदिरों में अधिक से अधिक भक्त आते हैं और शिव का ध्यान करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन मंदिरों में विशेष पूजा और अर्चना की जाती है जिससे मंदिर का वातावरण पवित्र और शांतिपूर्ण होता है. भक्तों के लिए इस दिन मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने का अद्भुत और अनुभव होता है और उन्हें आत्मा की शांति प्राप्त होती है. इसलिए, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के मंदिरों का महत्व बहुत अधिक होता है. भगवान शिव के मंदिर समाज में उनकी महत्ता और श्रद्धा का प्रतीक हैं. ये मंदिर भगवान शिव के प्रतिष्ठान के रूप में समर्पित होते हैं और उनकी भक्ति को समर्पित करते हैं. भगवान शिव के मंदिरों में उनकी मूर्ति, पूजा, आरती, और प्रार्थनाओं के लिए स्थान होता है. ये मंदिर भक्तों को ध्यान में लगाने, आध्यात्मिकता को अनुभव करने, और अपनी श्रद्धा को व्यक्त करने का एक माध्यम प्रदान करते हैं. भगवान शिव के मंदिर धार्मिकता, सामाजिकता, और आध्यात्मिकता के माध्यम से लोगों को एक साथ लाते हैं और उन्हें एक परम्परागत समृद्ध और सात्विक वातावरण में ले जाते हैं.

सोमनाथ मंदिर, गुजरात: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला मंदिर है. यह मंदिर सोमनाथ नामक स्थान पर स्थित है, जो गुजरात के पश्चिमी तट पर है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पवित्र माना जाता है.

मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, आंध्र प्रदेश: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से दूसरा मंदिर है. यह मंदिर श्रीशैलम नामक स्थान पर स्थित है, जो आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है.

महाकालेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा मंदिर है. यह मंदिर उज्जैन नामक स्थान पर स्थित है, जो मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है.

ओंकारेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा मंदिर है. यह मंदिर ओंकारेश्वर नामक स्थान पर स्थित है, जो मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और नर्मदा नदी के एक द्वीप पर स्थित है.

केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से पांचवां मंदिर है. यह मंदिर केदारनाथ नामक स्थान पर स्थित है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चार धामों में से एक है.

भीमाशंकर मंदिर, महाराष्ट्र: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठा मंदिर है. यह मंदिर भीमाशंकर नामक स्थान पर स्थित है, जो महाराष्ट्र के पुणे जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित है.

रामेश्वरम मंदिर, तमिलनाडु: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से सातवां मंदिर है. यह मंदिर रामेश्वरम नामक स्थान पर स्थित है, जो तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारत के दक्षिणी छोर पर स्थित है.

नागेश्वर मंदिर, गुजरात: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से आठवां मंदिर है. यह मंदिर द्वारका नामक स्थान पर स्थित है, जो गुजरात के द्वारका जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और द्वारकाधीश मंदिर के पास स्थित है.

विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से नौवां मंदिर है. यह मंदिर वाराणसी नामक स्थान पर स्थित है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और गंगा नदी के किनारे स्थित है.

त्र्यंबकेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र: यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से दसवां मंदिर है. यह मंदिर त्र्यंबकेश्वर नामक स्थान पर स्थित है, जो महाराष्ट्र के नाशिक जिले में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और गोदावरी नदी के किनारे स्थित है.

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