नई दिल्ली। महाराष्ट्र के कोल्हापूर और सांगली जिलों में बाढ़ प्रबंधन और अतिरिक्त पानी को सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की महत्वाकांक्षी परियोजना को विश्व बैंक और वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दी है। यह परियोजना की लागत 3,300 करोड़ रुपये की है, जिसमें विश्व बैंक 2,328 करोड़ रुपये और राज्य सरकार 998 करोड़ रुपये का योगदान देगी। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सोमवार को दी।
इस परियोजना के तहत कृष्णा और भीमा नदी घाटी में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके विविध काम पूरे किए जाएंगे। इनमें बाढ़ रेखाओं का निर्धारण, नदियों की गहराई बढ़ाना, गाद निकालना आदि शामिल हैं। इसके अलावा, एकीकृत जल प्रबंधन और निगरानी प्रणाली के माध्यम से अतिरिक्त पानी को सूखाग्रस्त मराठवाड़ा में ले जाया जाएगा, ऐसे श्री फडणवीस ने कहा।
उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह परियोजना कोल्हापूर और सांगली जिलों में बाढ़ से राहत प्रदान करने और मराठवाड़ा में सूखे की समस्या को दूर करने में मदद करेगी।
यह परियोजना महाराष्ट्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। यह परियोजना कोल्हापूर और सांगली जिलों में बाढ़ के जोखिम को कम करने और मराठवाड़ा में सिंचाई सुविधाओं में सुधार करने में मदद करेगी।