Mahadev Betting App: कैसे चलता था महादेव बेटिंग ऐप से सट्टा? कितना फैला था भारत में सट्टेबाजी का जाल? ED ने सुलझा ली गुत्थी

नई दिल्ली: महादेव बेटिंग ऐप केस तब खूब चर्चा में आया, जब बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर, कपिल शर्मा और श्रद्धा कपूर जैसी फिल्मी हस्तियों को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने समन जारी किया और पेश होने के लिए कहा. ईडी का कहना है कि कंपनी के प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई से महादेव बेटिंग ऐप संचालित कर रहे थे. ईडी का आरोप है कि वे नए यूजर्स का पंजीकरण करने के लिए ‘ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करते थे, आईडी बनाते थे एवं बहुस्तरीय बेनामी बैंक खातों के नेटवर्क से धनशोधन करते थे. अब तक इस केस में ईडी ने 4 लोगों की गिरफ्तारी की है, जिनमें दो सगे भाई सुनील दम्मानी, अनिल दम्मानी हैं. इसके अलावा, छत्तीसगढ़ पुलिस का ASI चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर शामिल है.

ईडी की जांच रिपोर्ट की मानें तो महादेव बेटिंग ऐप को दुबई में बैठकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऑपरेट करते थे. ये दोनों महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर भी थे. मलेशिया, थाईलैंड हिंदुस्तान, यूएई में अलग-अलग बड़े शहरों में कॉल सेंटर खोले गए थे, जिनके जरिए अलग-अलग सब्सिडरी ऐप बनाकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता था. ईडी की तफ्तीश में साफ हुआ है कि महादेव बेटिंग ऐप के जरिए हजारों करोड़ रुपए के वारे न्यारे किए जा रहे थे. तो अब आपको समझाते हैं कि आखिरकार यूएई में बैठकर कैसे सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, पुलिस-ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियन का एक नेक्सस तैयार कर महादेव बेटिंग ऐप को हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था.

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दम्मानी ब्रदर्श भारत में कर रहा था ऑपरेट
दरअसल, भारत में छत्तीसगढ़ समेत कई अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में महादेव बुक ऐप के करीब 30 कॉल सेंटर खोले गए थे. इन कॉल सेंटर को बाकायदा एक चेन बनाकर बेहद शातिर तरीके से चलाया जा रहा था. सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के दो बेहद करीबी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था. अब आपको समझते हैं कि सट्टे के इस खेल का मनी ट्रेल क्या है?

पुलिस से लेकर राजनेताओं तक की मिलीभगत
दरअसल, सबसे पहले अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से KYC के जरिए बड़ी संख्या में बेनामी बैंक एकाउंट खोले गए. मेन प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और पैनल ऑपरेटर (कॉल सेंटर ऑपरेटर) इन सभी की मिली भगत से इस बैटिंग ऐप सिंडिकेट को चलाया जा रहा था. इस सिंडिकेट को चलाने के लिए पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स को भी हिस्सेदारी दी गई थी. अनिल दम्मानी का रोल इस सिंडिकेट में सिर्फ ऑनलाइन बेटिंग ऐप को ही चलाना नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर हवाला के जरिए आने वाले पैसे को बेटिंग ऐप में इस्तेमाल करने के साथ-साथ पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स जो इस ऐप से लाभान्वित होते थे, उन तक पैसा पहुंचा जाता था ताकि कोई इन पर उंगली ना उठा सके. हवाला के जरिए मोटा कैश UAE में बैठे प्रमोटर छत्तीसगढ़ में अनिल और सुनील दम्मानी को भेजते थे. उसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के एक ASI चन्द्र भूषण वर्मा तक ये पैसा पहुंचाया जाता था, जिसकी जिम्मेदारी थी कि छत्तीसगढ़ पुलिस में तैनात पुलिस अधिकारी ब्यूरोक्रेट्स और राजनीतिक प्रभाव वाले लोगों तक इस पैसे को बतौर रिश्वत पहुंचाना. यह पैसा रायपुर के सदर बाजार में एक ज्वेलर के यहां हवाला के जरिए भेजा जाता था.

60-65 करोड़ रुपए का हुआ ट्रांजेक्शन?
पूछताछ में अनिल दम्मानी ने बताया कि पिछले दो-तीन साल में वह अपने भाई सुनील के साथ मिलकर रवि उप्पल के कहने पर 60 से 65 करोड रुपए का ट्रांजेक्शन हवाला के जरिए कर चुका है, जिसमें से उसे 6 लाख रुपए मिले. अनिल दम्मानी ने ये भी बताया कि ये दोनों अपनी ज्वेलरी की शॉप के जरिए हवाला का कारोबार भी चलाते हैं. इनकी CDR से पता चला कि ये दोनों भाई अनिल और सुनील UAE में बैठे रवि उप्पल के लगातार संपर्क में थे. ईडी का आरोप है कि ASI चन्द्र भूषण वर्मा कोई अच्छा पुलिस अधिकारी नहीं था बल्कि उसके जो संबंध थे, वह सीधे मुख्यमंत्री के पॉलिटिकल एडवाइजर विनोद वर्मा से थे. जिसके दम पर वह महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप को ऑपरेट करने के लिए तमाम पुलिस अधिकारी ब्यूरोक्रेट और पॉलिटिशियन को मैनेज कर रहा था. सतीश चंद्राकर जिसे ED ने इस केस में गिरफ्तार किया था, वो भी महादेव ऐप के चार कॉल सेंटर चला रहा था जिसमें उसकी 5 परसेंट की हिस्सेदारी थी. साथ ही सतीश की ज़िम्मेदारी अवैध पैसे के ट्रांजेक्शन की देख रेख करना भी था. जांच में यह भी साफ हुआ है कि सतीश चंद्राकर के संबंध एक नामी गैंगस्टर और ड्रग डॉन तपन सरकार के साथ भी थे, जो इस मामले में फरार चल रहा है.

महादेव बेटिंग ऐप का बॉलीवुड कनेक्शन?
दरअसल इसी साल फरवरी महीने में दुबई में महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी थी, जिसमें चार्टर्ड प्लेन से तकरीबन 17 बॉलीवुड हस्तियों को बुलाया गया था, जहां पर उनका स्टेज परफॉर्मेंस भी था. आरोप है कि इस परफॉर्मेंस के बदले में तमाम कलाकारों को हवाला के जरिए उन्हें परफॉर्मेंस के बदले करोड़ों रुपए दिया गया. साथ ही रणबीर कपूर पर आरोप है कि उन्होंने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप की एक सपोर्टिंग ऐप को प्रमोट किया था. यही वजह है उन तमाम कलाकारों को जो वहां परफॉर्मेंस में शामिल थे, जांच के दायरे में शामिल किया है.

Tags: Crime News, Ranbir kapoor

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