सत्यम कुमार/भागलपुर. दुर्गा पूजा शुरू हो चुका है. नवरात्रि के नौ दिन की पूजा में अष्टमी का व्रत विशेष पूजा मानी जाती है. इसमें महिलाएं अपने पुत्र व पुत्री की लंबी आयु के लिए विशेष व्रत करती हैं. अष्टमी को महाष्टमी कहा जाता है. इस बार 400 साल के बाद 9 दिन की मां की पूजा व सभी दिन का विशेष फल है. महाष्टमी को लेकर शिवशक्ति मंदिर के पंडित शंकर मिश्र ने बताया कि इस बार अष्टमी शनिवार यानी 21 को रात के 8.02 मिनट पर प्रवेश कर जाएगा. लेकिन व्रत करने वाली महिलाएं-पुरुष 22 यानी रविवार को करेंगे. वहीं निशा बलि शनिवार 21 को ही 08.03 मिनट से शुरू होना है. वहीं सप्तमी पूजा की बात की करें तो शुक्रवार को 09.24 में प्रवेश कर शनिवार के 8 बजे तक रहेगा.
नवरात्रि करने वाले कब तोड़ें अपना व्रत
नवरात्रि करने वाले के मन मे कई सवाल आते हैं की हमलोग किस दिन व्रत तोड़े. इसको लेकर पंडित शंकर मिश्र ने बताया कि नवरात्रि करने वाले पूरे 9 रात खत्म होने के बाद यानी दशमी के दिन अपना व्रत तोड़ पाएंगे. इसमें कई लोग ये गलती करते हैं कि नवमी के दिन ही अपना व्रत तोड़ लेते हैं. तो आपकी पूजा अधूरी रह जाती है.
इस बार सभी दिन हैं शुभ
पंडित ने बताया कि माता का आगमन व विदाई दोनों की शुभ है इस बार. माता इस बार हाथी पर आई हैं. जो काफी कुछ अच्छे चीज़ का संकेत देती है. रोग कष्ट सब दूर करती हुई आयी है. वहीं इनका जाना नीलकंठ पर हो रहा है. सनातन धर्म में नीलकंठ को शुभ माना गया है. हमलोग सभी जानते हैं भगवान शिव को भी नीलकंठ के नाम से जानते हैं. अगर आप विजयादशमी के दिन नीलकंठ को देखते हैं तो वो शुभ माना जाता है. आपके बिगड़े हुए काम बन जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2023, 11:59 IST