Madhya Pradesh: जन आक्रोश यात्रा के दौरान आपस में ही भीड़ गए कांग्रेस कार्यकर्ता, खूब चले लाठी-डंडे

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बताया जा रहा है कि स्थानीय कार्यकर्ता मुकेश नायक से नाखुश थे। उनकी मांग है कि पार्टी वहां से किसी स्थानीय कार्यकर्ता को मौका दे। दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित कर लिया। मामले में केस दर्ज कर लिया गया है।

मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। हालांकि, दोनों पार्टियों में गुटबाजी भी समय-समय पर दिख जा रही हैं। मध्य प्रदेश के पवई क्षेत्र में जन आक्रोश यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही झगड़ने लगे, जब उनमें से कुछ ने मुकेश नायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। घटना उस वक्त हुई जब कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा गुरुवार को दमोह से पवई विधानसभा के सिमरिया पहुंची. वहां पहले से मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुकेश नायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके साथ ही उनके हाथों में ‘मुकेश नायक मुर्दाबाद’ जैसे नारे लिखी तख्तियां भी थीं। 

बताया जा रहा है कि स्थानीय कार्यकर्ता मुकेश नायक से नाखुश थे। उनकी मांग है कि पार्टी वहां से किसी स्थानीय कार्यकर्ता को मौका दे। दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित कर लिया। मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। झड़प के दौरान अरुण यादव और सीपी मित्तल समेत कई बड़े नेता भी वहां मौजूद थे। मुकेश नायक बुन्देलखण्ड में जन आक्रोश यात्रा के सह प्रभारी भी हैं। अपने ही इलाके में इस पद्धति के विरोध के बीच नायक की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। कांग्रेस 19 सितंबर से पूरे राज्य में अपनी ‘जन आक्रोश यात्रा’ निकाल रही है। 

कांग्रेस पार्टी मौजूदा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधने के उद्देश्य से 19 सितंबर से राज्य भर में ‘जन आक्रोश यात्रा’ निकाल रही है। भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि जन आक्रोश झेल रहे कांग्रेसियों ने एक-दूसरे पर निकाला आक्रोश। दूसरी ओर पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, आदिवासियों और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर 1 है। ये आंकड़े मैं नहीं दे रहा हूं, ये केंद्र सरकार ने जारी किया है। ये हमारे प्रदेश की स्थिति है आज। प्रदेश का हर व्यक्ति या तो भ्रष्टाचार का गवाह है या इसका शिकार है। कोई भी निवेश करने को तैयार नहीं है। जब मैं कहता हूं कि छिंदवाड़ा आओ तो वे कहते हैं कि हम नागपुर जाएंगे क्योंकि यहां कोई भरोसा नहीं है।”

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