रविकांत कुमार/मधेपुरा. अगर आप पपीता खाने के शौकीन हैं और सस्ते दर पर खरीदना चाहते हैं, तो आपको एक बार मधेपुरा का पपीता हाउस जरूर आना चाहिए. यहां पर आपको महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित अन्य कई प्रदेशों से लाया गया पपीता सस्ते दर पर मिल जाएगा. लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि आज जो जितेंद्र दूसरों को सस्ते दार पर थोक और खुदरा में पपीता बेचते हैं, वे कभी खुद ठेले पर फल बेचकर गुजारा करते थे. आज न सिर्फ वे अच्छी जिंदगी जी रहे हैं, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
मांग के अनुरुप नहीं हो रही थी पपीते की सप्लाई
जिला मुख्यालय के पुरानी बस स्टैंड के समीप जिले का एकमात्र पपीता हाउस है. यहां पर सस्ते दर पर पपीता की बिक्री होती है. यहां से रोजाना 10 क्विंटल से अधिक पपीते की बिक्री होती है. जिलेभर से लोग यहां पपीता खरीदने आते हैं. यहां थोक और खुदरा दोनों सुविधा उपलब्ध है. दुकानदार जितेंद्र कुमार का कहना है कि वह पहले शहर में ठेला पर फल बेचा करते थे.
उसके बाद उन्होंने एक छोटी सी दुकान भाड़े पर ली. जहां फल बेचना शुरू किया. उन दिनों उन्होंने देखा कि शहर में पपीते की डिमांड काफी है, जबकि पपीता उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे पपीता लाकर यहां सस्ते दर पर बेचना शुरू कर दिया. अब वे बड़े पैमाने पर पपीता मंगाकर होलसेल का व्यापार करते हैं. जितेंद्र की दुकान आज जिला मुख्यालय में पपीता हाउस बन गया है.
कई प्रखंडों से पपीता खरीदने आते हैं लोग
जितेंद्र की दुकान पर जिले के सभी प्रखंडों के साथ-साथ पड़ोसी जिले के कई प्रखंडों से लोग पपीता खरीदने आते हैं. जितेंद्र ने बताया कि वह होलसेल के साथ खुदरा भी बेचते हैं. उन्होंने बताया कि पहले जब ठेला पर फल बेचते थे, तो बमुश्किल से अपना परिवार चला पाते थे. अब वे कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि पपीता को पकाने में किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. उन्हें पुआल और अखबार की मदद से ढककर 3 दिन रखते हैं. इसके बाद पपीता पक जाता है. फिलहाल रोजाना 10 से 30 क्विंटल तक की खपत है.
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FIRST PUBLISHED : May 26, 2023, 16:36 IST