नीरज कुमार/बेगूसराय : हमारा राज्य बिहार केला उत्पादन के लिए प्रयुक्त राज्य माना जाता है. यही वजह है कि बिहार में सरकार द्वारा केला की खेती पर 75 फीसदी सब्सिडी किसानों को मुहैया कराया जा रही है. साथ ही केला की बागवानी के लिए किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है. वहीं किसान भी अब धान, गेहूं के अलावा कम समय में अच्छा मुनाफा देने वाली फसलों की खेती कर रहे हैं.
इसमें कई किसान तो बागवानी से अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. ऐसे में बात बिहार के बेगूसराय जिले की अगर की जाय तो जिले के खोदावंदपुर प्रखंड में सर्वाधिक किसान केले उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि इन किसानों को सरकारी स्तर पर मिलने वाली 75 फ़ीसदीतक की मिलने वाली सब्सिडी से वंचित होना पड़ रहा है.
रिश्तेदार से मिले आइडिया से कमा रहे हैं 5 लाख
बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखंड के रहने वाले रामचंद्र महतो ने बताया कि 7 साल पूर्व एक रिश्तेदार से मुलाकात हुई थी. जो बड़े पैमाने पर केला की खेती कर रहे थे. जबकि रामचंद्र महतो एमएससी करने के बाद भी बेरोजगार बैठे हुए थे. रिश्तेदार के यहां चला कि बागवानी का आइडिया मिला.
आइडिया लेकर घर पहुंचे रामचंद्र ने पहली बार चार कट्टे में केले की बागवानी की शुरुआत की. इसके बाद से प्रत्येक साल अपनी बागवानी को आगे बढ़ाते गए. 7 साल के केले की बागवानी में सिर्फ एक बार तीन एकड़ के लिए 75 फीसदी की सब्सिडी सरकार की ओर से नसीब हो पाया. रामचंद्र केले की खेती अपने दम पर कर रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं.
केले की बागवानी से 5 लाख की हो रही है आमदनी
रामचंद्र महतो ने बताया पिछले 5 वर्षो से 4.5 बीघा में केले की बागवानी कर रहे हैं. ऐसे में 60 रूपए के G-9 वेरायटी के केले के पौधे से 200 रुपए तक की सालाना कमाई होती है. खेती में परेशानी की अगर बात करें तो कीटनाशक दवा क्लोरोफॉर्म का छिड़काव साल में दो बार करना पड़ता है.
4.5 बीघा के केले बेचने के लिए भी परेशान नहीं होना पड़ता है. कारोबारी खेत पर आते हैं और खुद काटकर केला लेकर जाते हैं. वहीं आमदनी की बात की जाए केले की बागवानी से 5 लाख से अधिक की कमाई हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : October 13, 2023, 11:34 IST