चंद्रग्रहण।
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शनिवार को शरद पूर्णिमा पर सोलह कलाओं से युक्त चंद्रमा ग्रहण में रहेगा। इस वर्ष का यह दूसरा चंद्र ग्रहण है, जब अन्नाभिषेक और खीर भोग अर्पण समेत कई अनुष्ठानों पर ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र में लगेगा। सूतक काल शाम चार बजे लगने केे साथ ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मोक्ष के बाद रविवार को ही मंदिरों में दर्शन-पूजन आरंभ होंगे।
यह चंद्र ग्रहण प्रयागराज समेत पूरे देश में दिखाई देगा। शरद पूर्णिमा पर ग्रहण से नौ घंटे पूर्व शाम 4:05 बजे से चंद्र ग्रहण का सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा। इसी के साथ मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। साथ ही मोक्ष के लिए जतन आरंभ हो जाएंगे। मंदिरों में भजन -कीर्तन शुरू हो जाएंगे। ग्रहण रात एक बजे लगेगा। एक घंटे की अवधि के इस ग्रहण को देखा जा सकेगा। ज्योतिषाचार्य पं. बर्जेंद्र मिश्र के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान गृहस्थियों का उपवास निषेध माना गया है। इस दौरान जातकों को सावधानी बरतनी होगी। गर्भवती महिलाओं के अलावा वृद्धों और बालकों को बाहर नहीं निकलना चाहिए।
चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात 1:05 बजे होगा। मध्य 1:44 बजे और मोक्ष 2:22 बजे होगा। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं बाल, वृद्ध और रोगियों को छोड़कर अन्य सभी के लिए भोजन वर्जित रहेगा। ज्योतिषियों ने इस दौरान किसी भी धारदार हथियार के प्रयोग से बचने की सलाह दी है।