लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम का एक दृश्य।
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अयोध्या स्थित नवनिर्मित अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय व आर्ट गैलरी में भगवान श्रीराम के मंदिर से जुड़ी दुर्लभ धरोहरों, संरचनाओं तथा उत्खनन में मिले विभिन्न अवशेषों को आम लोगों के देखने के लिए रखा जाएगा। संग्रहालय के संचालन व रखरखाव के लिए सोमवार को संस्कृति विभाग व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के बीच एमओयू हुआ। संग्रहालय का संचालन व रखरखाव अब न्यास करेगा।
इस अवसर पर न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर एक लंबे इतिहास को समेटे हुए है। 06 दिसंबर 1992 से लेकर अब तक मंदिर निर्माण के दौरान खुदाई में दुर्लभ वस्तुएं मिली हैं। यह बहुमूल्य धरोहर हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि यह खजाना है। मंदिर के नीचे उत्खनन से प्राप्त बहुमूल्य सामग्री तथा 1154 ईसवी के शिलालेख व पुरातत्व विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई सभी वस्तुओं को सुरक्षित रखा गया है।
इन सभी सामग्री को संग्रहालय में प्रदर्शित किया जायेगा। वर्ष 1885 के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों के पत्र के अलावा फ्रांसीसी यात्री की प्रकाशित डायरी तथा अन्य दुर्लभ दस्तावेजों को सुरक्षित तथा संरक्षित रखा गया है। इन्हें भी संग्रहालय को हस्तान्तरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी दुर्लभ सामग्रियों व कागजात के डिजिटलीकरण का प्रयास किया जाएगा।
चंपत राय ने कहा कि सारा संसार राममय है। विश्व के कोने-कोने में राम से जुड़े ग्रंथों, पांडुलिपियों को आम जनता के देखने के लिए संग्र्रहालय में रखा जाएगा। अध्यक्ष निर्माण समिति श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि इस संग्रहालय में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों से जुड़े विशिष्ट पहलुओं को प्रदर्शित किया जायेगा, जो आने वाली पीढ़ी को सदियों तक प्रेरणा देता रहेगा।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि अयोध्या स्थित संग्रहालय में एक छत के नीचे भगवान श्रीराम के मंदिर के इतिहास को दिखाया जायेगा। एमओयू के अनुसार सभी आवश्यक सामग्री श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की ओर से संरक्षित की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के निर्देशन में मंदिर का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। जनवरी 2024 में पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे, जिसकी प्रतीक्षा पूरी दुनिया कर रही है। श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद यहां और बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आएंगे। इससे न सिर्फ रोजगार बल्कि राजस्व भी बढ़ेगा। अयोध्या में भी काशी की तरह पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी होगी।
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है, जब भारत भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए विकसित राष्ट्र की श्रेणी में स्थापित होगा। इस अवसर पर ’लखनऊ की रामलीला’ तथा ‘संस्कृति में राम’ पुस्तक का अतिथियों ने विमोचन किया। प्रयागराज की सुप्रिया सिंह रावत व टीम ने भेड़िया नृत्य का प्रदर्शन किया। एसएनए की ओर से सुरभि शुक्ला की परिकल्पना पर आधारित नमामि राम नृत्य नाटिका की आकर्षक प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, निदेशक संस्कृति एवं सूचना शिशिर आदि उपस्थित थे।