जमुई. लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू हो गई हैं. बीते दो महीनें से जमुई(सुरक्षित) संसदीय सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में एनडीए और इंडिया गठबंधन के घटक दल के नेताओं का दौरा भी प्रारंभ हो चुका है. हाल के दिनों में जमुई में लगातारराजनितीक दलों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन और नेताओं का दौरा भी शुरु हो चुका है. हर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को एक्टिवेट करते हुए लोगों तक जाकर रणनीति के तहत का काम शुरू कर चुकी है. इसी स्थिति में अब किस गठबंधन से कौन प्रत्याशी होगा इसकी भी चर्चा होने लगी है.
बता करें अगर एनडीए के प्रत्याशी की तो यहां लोग सांसद चिराग पासवान को ही प्रबल उम्मीदवार मान रहे हैं क्यों कि वो सबसे मजबूत और प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. दरअसल चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और वो दो बार जमुई(सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव जीत चुके हैं. चिराग पासवान केंद्र में मंत्री रह चुके दिवंगत राम विलास पासवान के पुत्र हैं जो अपने पिता के रास्ते पर चलते हुए उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढाने में लगे हैं. चिराग पासवान 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के रुप में जमुई आए और चुनावी मैदान में उतरते हुए विजयी हुए. चिराग पासवान लगातार दूसरी बार एनडीए के उम्मीदवार के रुप में पिछला लोकसभा चुनाव 2019 में जमुई सीट से सांसद हुए.
इंडिया गठबंधन में उम्मीदवारी पर सस्पेंस
वहीं इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार कौन होगा इसको लेकर काफी कंफ्यूजन है. दरअसल इंडिया गठबंधन के अंदर उम्मीदवार के नाम को लेकर काफी खिंचतान है, जिसका कि नुकसान इस गठबंधन को उठाना पड़ सकता है. अभी यह भी निश्चित नहीं हो सका है कि गठबंधन की यह जमुई सीट किस दल को जाएगा. आईएनडीए के तरफ से कौन सा दल का कौन सा उम्मीदवार होगा इस पर गौर करें तो जदयू के तरफ से बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी को प्रबल उम्मीदवार माना जा रहा है क्यों कि वो हाल तक जमुई जिले के प्रभारी मंत्री रह चुके हैं, जिन्हें कुछ दिन पहले यहां से हटाकर समस्तीपुर जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. अपने दौरे पर जमुई आए अशोक चौधरी कई बार इस सीट पर अपनी उम्मीदवारी का जिक्र समर्थको से कर चुके हैं. अशोक चौधरी 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जमुई से चुनाव लडते हुए तीसरा स्थान हासिल किया था.
RJD से इनकी दावेदारी
वहीं राजद की तरफ से इस सीट पर कौन उम्मीदवार हो सकता है तो गौर करे तो 2014 लोकसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर मैदान में उतर चुके उदय नारायण चौधरी प्रबल उम्मीदवार हैं. इस चुनाव में उदय नारायण चौधरी तीसरा स्थान हासिल किया था जबकि सुधांशु शेखर भास्कर राजद के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था. उदय नारायण चौधरी बीते कुछ सालों से राजद में हैं और उनका दौरा जमुई में लगातार रहा है, जबकि सुधांशु शेखर भास्कर भी आते रहे हैं. इसके अलावा मुंगेर विधान सभा सीट से उम्मीदवार रह चुके मुकेश यादव की पत्नी अर्चना कुमारी भी उम्मीदवार के रुप में आ सकती है जिसकी चर्चा है.
मुकेश यादव की पत्नी जमुई जिले के लक्ष्मीपुर इलाके की रहने वाली हैं. अपनी पत्नी को जमुई सीट से चुनावी मैदान मे उतारने के लिए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी से मिल चुके हैं. राजद के तरफ से इस सीट पर पूर्व मंत्री श्याम रजक का भी नाम है, श्याम रजक 2009 लोक सभा चुनाव में इस सीट पर राजद प्रत्याशी के रूप में लड़ चुके हैं तब वे दूसरा स्थान हासिल किया था. इसके अलावा बांका जिले के धोरैया के विधायक भूदेव चौधरी भी 2009 लोकसभा चुनाव में जमुई के सांसद रह चुके हैं. भूदेव चौधरी 2019 में भी यहां से चुनाव लड चुके हैं, भूदेव चौधरी अभी राजद में ही हैं.
चर्चा में इनका भी है नाम
आईएनडीए गठबंधन के घटक दल कांग्रेस को अगर जमुई सीट मिलता है तो यहां से उम्मीदवार के रुप होने वाले सिकंदरा के पूर्व विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी के अलावा हाल ही में पार्टी का दामन थामने वाले पान समाज का नेतृत्व करने वाले आई पी गुप्ता भी शामिल हैं. वहीं सीपीआई भी इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए मन बना रही है. इसके अलावा जमुई में एसपी रहे आईपीएस अधिकारी जयंतकांत की पत्नी स्मृति पासवान भी यहां से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है.
मांझी भी पेश कर चुके हैं दावेदारी
हालांकि एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा हाल ही में जमुई सीट पर अपनी दावेदारी की है. पार्टी के एक कार्यक्रम में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन यह कह कर जमुई सीट पर दावा किया है कि यहां का पहला सांसद भोला मांझी हुए थे और इस क्षेत्र में मुसहर समाज की आबादी अधिक हैं. अपने बेटे के दावे पर हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने भी हामी भरी थी. बताते चले कि वर्तमान में जमुई जिले के सिकंदरा सीट से हम पार्टी के प्रफुल्ल मांझी विधायक हैं.
अब तक कौन-कौन रहा सांसद ?
जहां तक जमुई लोकसभा सीट के बारे में बात करें तो यह सीट शुरु से ही अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सुरक्षित सीट रही है. 1952 के चुनाव में कांग्रेस के नयन तारा दास सासंद हुए, 1962 और 1967 से चुनाव में भी कांग्रेस के नयनतारा दास सांसद हुए, 1971 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई के भोला मांझी जमुई के सांसद चुने गए थे. नये परिसिमन के बाद 2009 में जमुई लोकसभा सीट सुरक्षित के रुप में फिर से अस्तित्व में आया 2009 के चुनाव में जदयू के भूदेव चौधरी सांसद हुए, जबकि 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशी और लोजपा के चिराग पासवान सांसद चुने गए.