Loksabha Election: 15 साल बाद मथुरा में रालोद-भाजपा एक साथ लड़ेगी चुनाव, 2009 के गठबंधन में जीते थे जयंत

RLD and BJP will contest elections together after 15 years in Mathura

एनडीए में शामिल हुई राष्ट्रीय लोकदल
– फोटो : सोशल मीडिया

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एनडीए में भारतीय जनता पार्टी के साथ राष्ट्रीय लोकदल का भी गठबंधन हो गया है। इसका खासा लाभ मथुरा सीट पर हेमा मालिनी को मिलेगा। मथुरा लोकसभा सीट पर साढ़े तीन लाख के करीब जाट मतदाता हैं।

15 साल बाद मथुरा में रालोद-भाजपा एक साथ फिर से चुनाव लड़ेगी। इससे पहले 2009 लोकसभा चुनाव गठबंधन के तहत लड़ा था। तब रालोद ने जयंत चौधरी को मथुरा से लांच किया था। जयंत चौधरी की जीत हुई थी। हालांकि बाद में रालोद गठबंधन से अलग हो गई थी। 

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गठबंधन से रालोद को उसकी खोई हुई जमीन वापस मिलेगी। 19 लाख से अधिक मतदाता वाली इस सीट को साढ़े तीन लाख के करीब जाट मतदाता होने के चलते मिनी छपरौली भी कहा जाता है। 2009 में रालोद ने जयंत चौधरी को भाजपा के साथ गठबंधन में इसी सीट से लांच किया था। 

ब्रजवासियों ने उन्हें संसद में पहुंचाया था। मगर, वह भाजपा की सरकार न बनने के चलते कांग्रेस के साथ चले गए थे। 2014 में भाजपा ने मथुरा से हेमा मालिनी को लड़ाया। उन्होंने जयंत चौधरी को 3,30,743 वोट से हरा दिया था। 2019 में रालोद ने कुंवर नरेंद्र सिंह को 2019 में अपना गठबंधन प्रत्याशी घोषित किया था। 

यह पहला मौका था जब चौधरी परिवार ने जाट बाहुल्य मथुरा संसदीय क्षेत्र से किसी गैर जाट पर दांव खेला था। मगर, इस दाव में भी वह सफल नहीं हुए। भाजपा से हेमा मालिनी ने उन्हें 2,93.471 वोटों से हरा दिया था। इस बार रालोद भी हेमा मालिनी के लिए वोट मांगती नजर आएगी।

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