लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी)- करगिल के चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन की शानदार जीत से राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला का कद बढ़ गया है। हम आपको बता दें कि इस चुनाव में अपनी पार्टी के प्रचार के लिए उमर अब्दुल्ला ने पूरी ताकत झोंकी थी और नेशनल कांफ्रेंस के चुनाव चिह्न को मान्यता वापस दिलाये जाने को लेकर अदालती लड़ाई भी लड़ी थी। इसके अलावा राहुल गांधी ने भी लद्दाख दौरे के दौरान करगिल में कांग्रेस संगठन में नई जान फूंक दी थी और सघन जनसंपर्क भी किया था। इसलिए कांग्रेस के कई सीट पर जीत हासिल करने के मद्देनजर पार्टी ने कहा है कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व में की गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का सीधा असर है। कांग्रेस ने कहा है कि 10 साल बाद लद्दाख पर्वतीय परिषद चुनाव में पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। पार्टी ने कहा है कि हमने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद क्षेत्र के पहले चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के अपने सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र में जीत हासिल की है। कांग्रेस ने कहा है कि क्षेत्र में पिछले महीने की गई राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने लद्दाख और करगिल के लोगों को यह विश्वास दिलाया कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ को उनकी समस्याओं को लेकर गहरी चिंता है और उनकी लोकतांत्रिक भावनाओं को आवाज दिए जाने की जरूरत है। कांग्रेस ने कहा है कि नतीजों से पता चलता है कि लोगों ने भाजपा के गुमराह करने वाले एजेंडे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अगर कश्मीर घाटी में चुनाव होते हैं, तो भी परिणाम अलग नहीं होंगे।
हम आपको बता दें कि लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद- करगिल चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर 22 सीट जीती हैं। केंद्र द्वारा पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने और लद्दाख को केंद्र-शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद करगिल में लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी)-करगिल का यह पहला चुनाव था। अधिकारियों ने बताया कि चार अक्टूबर को 26 सीट पर चुनाव हुआ था। प्रशासन 30-सदस्यीय लद्दाख एलएएचडीसी-करगिल के लिए चार सदस्यों को मनोनीत करता है और उनके पास मतदान का अधिकार भी होता है। अधिकारियों के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने 12 सीट जीतीं और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 10 सीट पर जीत दर्ज की है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो सीट जीतीं, जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवार भी विजय हुए हैं।
दूसरी ओर, श्रीनगर में कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी की जीत का जश्न मनाया गया। इस अवसर पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब भी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे तब जनता हमारी पार्टी को ही जिताएगी।
इसके अलावा, नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने नेशनल कांफ्रेंस पर भरोसा जता कर दर्शाया है कि यही पार्टी सबका भला कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के परिणाम भी इसी तरह के आएंगे।
हम आपको यह भी बता दें कि चुनाव आयोग ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए चुनाव “उचित समय” पर कराए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव तब होंगे जब सुरक्षा स्थिति और इस केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले अन्य चुनावों को ध्यान में रखते हुए आयोग “उचित समय” समझेगा।