LAC पर स्थिति संवेदनशील, लेकिन…सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बताया क्या है आगे का प्लान

General Manoj Pande

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सेना प्रमुख ने कहा कि चार साल बाद जो लोग सेना में रहेंगे, उनके लिए भी हमने एक सिस्टम तैयार किया है। अग्निवीर के साथ सेना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार द्वारा अग्निवीर योजना की घोषणा के बाद 2022 में देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनकारी योजना के चार साल के सेवा प्रावधान और इसके तहत बल में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए निर्धारित आयु सीमा के खिलाफ थे।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील है और उम्मीद जताई कि निकट भविष्य में मुद्दों का समाधान हो जाएगा। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में जनरल मनोज पांडे ने कहा कि सेना सीमाओं पर अपने बुनियादी ढांचे को काफी मजबूत कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल कोई और “घर्षण क्षेत्र” सामने नहीं आया है और क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती मजबूत और संतुलित है। हमारे समाधान प्रयासों के संदर्भ में प्रतिद्वंद्वी के साथ सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बातचीत और संवाद जारी है। सेना प्रमुख ने कहा, हमें उम्मीद है कि हम बाकी मुद्दों का भी समाधान निकाल लेंगे। आतंकवाद विरोधी अभियानों पर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि सेना ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर में 71 आतंकवादियों को मार गिराया। उन्होंने यह भी कहा कि सेना में अग्निवीर के दो बैच तैनात किए गए हैं और कुछ सैनिक नियंत्रण रेखा (एलओसी) और एलएसी पर हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि चार साल बाद जो लोग सेना में रहेंगे, उनके लिए भी हमने एक सिस्टम तैयार किया है। अग्निवीर के साथ सेना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। केंद्र सरकार द्वारा अग्निवीर योजना की घोषणा के बाद 2022 में देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनकारी योजना के चार साल के सेवा प्रावधान और इसके तहत बल में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए निर्धारित आयु सीमा के खिलाफ थे। सेनाओं के लिए नए हथियारों पर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा बनाए गए हल्के टैंकों का मई या जून तक परीक्षण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सेना के लिए एक हल्का टैंक महत्वपूर्ण है, और हमने पूर्वी लद्दाख में कई हथियार और सिस्टम प्रदान किए हैं। ऑल ट्रेन व्हीकल, स्पेशल मोबिलिटी व्हीकल और ड्रोन जैसे कई घरेलू निर्मित सिस्टम सेना को दिए गए थे। 

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