Kuttey Movie Review in Hindi: काफी सालों पहले धर्मेंद्र को आपने ‘कुत्ते मैं तेरा खून पी जाउंगा…’ कहते हुए सुना है. इसके बाद सालों से इस शब्द को आप फिल्मों में सुनते आ रहे हैं. लेकिन 2023 में फिल्मों के भीतर से निकल कर ये शब्द न केवल फिल्म का टाइलट बन गया है, बल्कि इसका प्रमोशन भी हो गया है. जी हां, अभी तक इंसानों को बुरा कहने के लिए ‘कुत्ते’ शब्द का इस्तेमाल होता था, पर पहली बार निर्देशक की कुर्सी पर बैठे आसमान भारद्वाज की फिल्म में ‘कु्त्ते’ शब्द से इंसान की ही फितरत दिखाई जा रही है. इस फिल्म में अर्जुन कपूर, तबू, राधिका मदान, कोंकणा सेन, कुमुद मिश्रा, नसीरुद्दीन शाह जैसे सितारे नजर आएंगे. निर्देशक और फिल्मकार विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज ने इस फिल्म के जरिए अपनी शुरुआत की है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर आसमान ने एक निर्देशक के तौर पर अपनी इस फिल्म में आसमान छुए हैं या नहीं.
कहानी: फिल्म की शुरुआत होती है दो पुलिसवालों से जो बेहद करप्ट हैं. यही भ्रष्ट पुलिसवाले मुसीबत में फंसते हैं, जिससे निकलने के लिए उन्हें अब बहुत सारे पैसे चाहिए. ऐसे में प्लान बनता है एटीएम में पैसे डालने वाली वैन को लूटने का. लेकिन इस लूट में एक-दो नहीं धीरे-धीरे कई लोग जुड़ जाते हैं. अब ये लोग आखिर आपस में कैसे जुड़ते हैं और क्या ये वैन लुट जाती है, क्या ये लोग फंस जाते हैं… इन सारे सवालों के जवाब चाहिए तो आपको सिनेमाघरों तक जाना होगा.
सबसे पहले एक वैधानिक चेतावनी- आसमान भारद्वाज की ये फिल्म ‘कतई’ पारिवारिक नहीं है. इसमें दिल खोलकर गालियां-गोलियां और खून-खराबा है. खच्च-पच्च की अवाज से चारों तरफ उड़ता खून आपको खूब देखने को मिलेगा. निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्मों का एक अपना ही अंदाज है और इस डीप-डार्क सटायर फिल्म ‘कुत्ते’ में आसमान ने भी पापा की ही शैली को आगे बढ़ाया है लेकिन अपने अंदाज में. आसमान की फिल्म में कई मंझे हुए कलाकार हैं. ऐसे में एक डेब्यूटेंट निर्देशक के तौर पर जहां ये एक आसान बात है, तो वहीं मुश्किल भरा टास्क भी. लेकिन डायरेक्टर साहब ने इस मल्टीस्टारर फिल्म की कमान को बखूबी संभाला है.
हालांकि इस फिल्म में कुछ ऐसी कमियां भी हैं जिसे हजम कर पाना बहुत मुश्किल भरा होता है. जैसे सूरती को मारने एक पार्टी में पहुंचे अर्जुन कपूर और कुमुद मिश्रा हाथ में बंदूक लेकर घूम रहे हैं और उसे कोई नहीं देख रहा. पूरी पार्टी में खून खराबा होता है, गोलियां चलती हैं पर कोई सबूत नहीं है. करोड़ों रुपए लेकर घूम रही सिक्योरिटी वेन में कोई जीपीएस ट्रैकर नहीं है. मुंबई जैसे इलाके में धड़ा-धड़ गोलियां चल रही हैं, पर कोई नहीं सुन रहा.
तबू ने फिल्म में ‘पम्मी’ का किरदार निभाया है.फिल्म की शुरुआत का सीन ही कहानी का पेस सेट कर देता है. कुछ भी करने में समय बर्बाद नहीं किया गया है. पहले ही सीन से कहानी बढ़ जाती है और आपको समझ आता है कि सारे किरदार बस ‘अपनी-अपनी देख’ वाले सिद्धांत पर काम करने में लगे हुए हैं. कहानी के हिस्सों को चेप्टर्स में बांटा गया है और हर चेप्टर का एक मतलब है. फिल्म में फर्स्ट हाफ या सेंकड हाफ जैसा कुछ नहीं है, कहानी की स्पीड इसका पेस आपको कहीं भी बोर नहीं होने देगा.
एक्टिंग की बात करें तो आसमान भारद्वाज की इस फिल्म में लीड कास्ट ही इतनी लंबी-चौड़ी है. साथ ही एक-दो मिनट के सीन्स में भी अनुराग कश्यप, आशीष विद्यार्थी और नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टर्स नजर आ रहे हैं. यूं तो इस फिल्म में इतने सारे एक्टर्स हैं, लेकिन तबू आपकी लिस्ट में हमेशा टॉप पर रहेंगी. 2022 में ‘भूल भुलैया 2’ और ‘दृश्यम 2’ जैसी सक्सेस अपने नाम करने के बाद 2023 की शुरुआत एक्ट्रेस ने ‘कुत्ते’ से की है और क्या जबरदस्त की है. पम्मी के किरदार में पुलिसवाली बनीं तबू ने इस किरदार में भी जान ही फूंक दी है. वहीं कुमुद मिश्रा और राधिका मदान भी अपने किरदारों में खूब जचे हैं. इस फिल्म में सबसे ज्यादा सीन अर्जुन कपूर के हिस्से हैं और ये कहना होगा कि अर्जुन ने अपने किरदार से पूरा न्याय किया है.
राधिका मदान भी इस फिल्म में अपने अंदाज से अच्छी रही हैं.
फिल्म का क्लाइमैक्स आपको चौंकाएगा भी और एक अजीब सी खुशी भी देगा. आसमान भारद्वाज ‘कुत्ते’ के जरिए एक बढ़िया उपस्थिती दर्ज कराई है. फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसका म्यूजिक जिसने हर चेप्टर को जोड़ने और कई सीन्स में भरपूर एक्साइटमेंट पैदा किया है. मेरी तरफ से इस फिल्म को 3 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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Tags: Movie review, Tabu, Vishal Bhardwaj
FIRST PUBLISHED : January 13, 2023, 10:55 IST