Kota: सफलता के पिछे भागना ही जीवन मेंव कुछ कर दिखाने का जुनून पैदा करता है. आज हम एक ऐसे सक्स के बारे में बताने जा रहे हैं,जो 12 वीं के परीक्षा के बाद मेडिकल की तैयारी करने कोटा गया. लेकिन जब वह अपने पहेले प्रसाय में सफलता की कोशिश करने के बावजूद भी असफल होता है. लेकिन वह बच्चा निराशे होने के वजाह फिर अपनी तैयारियों में लग कर अपना दूसरा प्रयास घर से किया. लेकिन कहते है सपने बड़े होते हैं वह छोटी खुशी में खुश नहीं होता.
आपको बता दें कि इस बच्चें ने यूपीएससी की तैयारी करता है. जिसमें वह सफलता भी हासिल कर लेता है. जो इस समय राजस्थान के एक उच्च पद पर बैठा है. वह कोई और नहीं बल्कि डॉ रविंद्र गोस्वामी की है. जो कोटा तो तैयारी करने आये , लेकिन संयोग ऐसा बना की उसी कोटा के इस समय कलेक्टर हैं.
आपको बता दें की डॉ रविंद्र गोस्वामी ने 2001 में मेडिकल की कोचिंग करने कोटा आए.लेकिन भाग्य के साथ न देने पर वह पहले प्रयास में असफल हो जाते हैं,जिसके बाद वह घर चले जाते हैं. जिसके बाद इन्हें दूसरे प्रयास में सफलता हासिल होती है. जिसमें वह अच्छी रैंक हासिल कर लेते हैं,और सरकारी कॉलेज से MBBS कर निजी अस्पताल में नौकरी करते हैं.
नौकरी के साथ-साथ वह पीएससी की तैयारी जारी रखाते हैं. जिसके बाद साल 2015 में अपने पहले प्रयास में 152वीं रैंक हासिल करते हैं. ब वह कोटा के कलेक्टर पद पर तैनात हैं.
तैयारी के बारे में गोस्वामी बताते हैं कि वह ऐसे है कि वह स्वंय घर पर रह कर पढ़ाई करे. इनका मनना है कि दूसरे से समझने वजेह वह खुद पढ़कर समझने का प्रयास करते हैं.
अपने अनुभव से बताते हैं कि कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिन्हें दूसरे के द्वारा समझाने पर ही समझ में आता है. लेकिन उन्होंने खुद से ,वह रविवार रेस्ट का दिन रखते थे.. इस दिन वह परिवार के साथ मूवी देखते और बातें करते थे.
भावी अभ्यर्थियों को सलाह देते है कि वह अपने असफलता के बाद निराश न हों.
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