Kharmas 2024 Date: क्यों लगता है खरमास? आज से हो रही शुरुआत, जानिए इसके नियम..

रामकुमार नायक/रायपुर. सनातन धर्म में हर मांगलिक काम को करने के लिए शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है. साथ ही खरमास के समय में कोई भी मांगलिक काम नहीं किया जाता और न ही कोई नया काम शुरु करते हैं. आज 14 मार्च से खरमास की शुरुआत हो रही है. खरमास के दौरान विवाह, मुंडन, सगाई, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होते हैं. खरमास भगवान विष्णु को समर्पित है. ऐसे में इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा आराधना करना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि ज्योति शास्त्र की गणना के अनुसार वर्ष में दो बार खरमास की स्थिति आती है. सूर्य हर माह एक-एक राशि में भ्रमण करते रहता है और जैसे ही गुरु ग्रह की धनु राशि और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो एक माह के लिए खरमास लगता है. विगत समय में धनु अर्क खरमास लगा था. यह मकर संक्रांति के एक माह पहले था संक्रांति के दिन इसकी समाप्ति हुई थी. दूसरा खरमास फाल्गुन माह में लगता है जो आज 14 मार्च से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू हो रहा है. जो कि 15 अप्रैल तक रहेगा. खरमास के दरमियान सूर्य जब गुरु ग्रह के मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो किसी तरह के मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश, शादी कार्यक्रम अन्य बड़े आयोजन में विराम लग जाती है. मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त की आवश्यकता पड़ती है. इसलिए इस दरमियान मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.

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माता भगवती की करें पूजा आराधना
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने आगे बताया कि खरमास के दौरान ज्यादा से ज्यादा देवी देवता, कुल देवता, पितृ देवता का पूजन करना चाहिए. इसी खरमास में नवरात्रि पर्व पड़ने वाली है तो निश्चित तौर पर माता भगवती की पूजा आराधना करनी चाहिए. 15 अप्रैल को खरमास खत्म होने वाला है इसके बाद एक बार फिर मांगलिक कार्यों में गति आएगी. 15 अप्रैल के बाद 18 अप्रैल से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो जाएंगे. अप्रैल माह में शादी के लिए 18 और 26 तारीख को शुभ मुहूर्त बताया गया है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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