Khan Sir: गुमनाम रहने की शर्त पर मास्टर बने थे ‘खान सर’, कोरोनाकाल में बने 17 मिलियन यूट्यूब सब्स्क्राइबर्स

हाइलाइट्स

‘खान सर’ अपने अनोखे और चुटीले अंदाज में पढ़ाने के कारण स्‍टूडेंट्स के बीच काफी पसंद किए जाते हैं.
खान जीएस रिसर्च सेंटर में यूपीएससी की तैयारी के लिए सालभर में 12 से 14 हजार रुपये ही खर्च होते हैं.

पटना. संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी करने वाले स्‍टूडेंट्स के बीच एक नाम आजकल काफी चर्चा में है ‘खान सर’. कभी अपना नाम, मोबाइल नंबर और एड्रेस नहीं बताने की शर्त पर किसी दूसरे की कोचिंग में पढ़ाना शुरू करने वाले खान सर आज फिजिकल सेंटर ‘खान जीएस रिसर्च सेंटर’ (Khan GS Research Center) से ज्‍यादा ऑनलाइन क्‍लासेस के लिए पहचाने जाते हैं. उन्‍होंने साल 2019 में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था. आज उनके 17 मिलियन यानी 1.7 करोड़ यूट्यूब सब्‍सक्राइबर्स (YouTube Subscribers) हैं. खान सर अपने अनोखे और चुटीले अंदाज में पढ़ाने के कारण स्‍टूडेंट्स के बीच काफी पसंद किए जाते हैं. वह करेंट अफेयर्स और जीएस इतनी सरलता से समझाते हैं कि स्‍टूडेंट्स उनके दीवाने हो जाते हैं.

खान सर की पहचान सिर्फ उनके पढ़ाने का अंदाज ही नहीं है, बल्कि वह अपने कथित विवादित बयानों के कारण भी कई बार चर्चा में आ चुके हैं. वह कभी ‘पंचर सांटने’ के बयान से तो कभी आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा परिणाम में कथित गड़बड़ी के विरोध और स्‍टूडेंट्स को अपने हक के लिए लड़ने व आंदोलन करने के तौर-तरीके समझाने के कारण निशाने पर आते रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन ने उनके खिलाफ मामला भी दर्ज कर दिया था. तमाम विवादों और विरोधों के बावजूद ना तो उनकी लोकप्रियता कम होती है और ना ही वह अपनी फीस बढ़ाते हैं. उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू के दौरान बताया कि उनकी कोचिंग में सालभर का खर्चा 12 से 14 हजार रुपये ही आता है सिर्फ.

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‘बम को भी पता है, टीचर का इज्‍जत किया जाता है’
खान सर ने एक साक्षात्‍कार में बताया कि यूपीएससी की तैयारी के लिए स्‍टूडेंट्स से बहुत कम फीस लेने (Low Tution Fees) के कारण लोग इतना बौखला गए कि उनके सेंटर पर ही बमों से हमला (Khan Sir attacked with bombs) कर दिया. उन्‍होंने बताया कि एक बम ठीक उनके पैर के पास आकर गिरा, लेकिन फटा नहीं. इस पर वह अपने मजाकिया अंदाज में कहते हैं, ‘बम को भी पता था कि टीचर का इज्‍जत किया जाता है.’ खान सर का जन्‍म दिसंबर 1992 को उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर (UP, Gorakhpur) में हुआ था. उनका असली नाम (Khan Sir real name) अभी तक एक रहस्‍य ही बना हुआ है. उनके कुछ स्‍टूडेंट्स उन्‍हें अमित सिंह तो कुद फैसल खान के नाम से भी जानते हैं.

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कोरोनाकाल में तेजी से बढ़े यूट्यूब सब्‍सक्राइबर्स
साल 2019 में खान सर ने अपना यूट्यूब चैनल (Khan Sir YouTube Channel) शुरू किया. शुरुआती दौर में वह चैनल पर दिन के 3 से 4 वीडियोज डाल देते थे. कोरोना काल में उनके यूट्यूब चैनल के 30 से 40 हजार सब्‍सक्राइबर्स हुए तो उन्‍होंने चैनल पर बेहतर तरीके से अपनी क्‍लासेस के वीडियोज डालना शुरू कर दिया. आज उनके 17 मिलियन यानी 1 करोड़ 70 लाख से ज्‍यादा यूट्यूब सब्‍सक्राइबर्स हैं. खान सर के कई वीडियोज को तीन करोड़ से ज्यादा बार तक देखा गया है. उनके जेल को लेकर बनाए गए वीडियो को अब तक 52 मिलियन बार देखा जा चुका है.

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सेना में सेलेक्‍ट नहीं होने का आज भी है मलाल
बताया जाता है कि खान सर के पिता भारतीय सेना में अधिकारी से रिटायर हुए थे. वहीं, उनके बड़े भाई के बारे में भी कहा जाता है कि वह सेना में कमांडो हैं. यही नहीं, खान सर ने खुद कई बार बताया है कि उन्‍होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी का एग्जाम (NDA Exam) क्लीयर किया था. हालांकि, वह मेडिकल में बाहर हो गए थे. वह बताते हैं कि उनका हाथ थोड़ा टेढ़ा होने के कारण उन्‍हें सेलेक्‍ट नहीं किया गया था. वह बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे. लिहाजा, सेलेक्‍ट नहीं होने का आज भी मलाल है. खान सर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी और एमएससी की डिग्री प्राप्‍त की है.

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बच्‍चों के लिए छोड़ा 107 करोड़ का पैकेज
खान सर ने एक बार बताया कि उन्‍हें पढ़ाने के लिए 107 करोड़ रुपये के पैकेज का ऑफर मिला था, लेकिन उन्‍होंने गरीब बच्‍चों के लिए इसे ठुकरा दिया. हालांकि, उन्‍होंने यह नहीं बताया कि उन्‍हें ये ऑफर किसने दिया था. उनका कहना है कि फीस ना दे पाने से ऐसा ना तो कभी हुआ है और ना ही कभी होगा कि कोई बच्‍चा सेंटर से बिना पढ़े लौट जाए. इस दौरान वह कहते हैं कि ऑक्‍सीजन जैसे जिंदगी के लिए जरूरी है, वैसे ही शिक्षा भी जरूरी है. फीस हमारे देश का कल्‍चर नहीं है. हमारे देश का कल्‍चर गुरु दक्षिणा है. इसलिए हम अपने सेंटर में बच्‍चों से बहुत कम फीस लेते हैं.

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