Kerala High Court ने डॉ. वंदना दास की हत्या की CBI जांच संबंधी याचिका खारिज की

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न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने डॉक्टर के पिता द्वारा दायर यचिका खारिज कर दी जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने ‘‘अपना पल्ला झाड़ने की जल्दबाजी में’’ प्राथमिक बयान में छेड़छाड़ की। अदालत ने कहा कि जिन मामलों में पुलिस शक के घेरे में होती है और उनके खिलाफ ऊंगली उठायी जा सकती है, उनमें जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है।

कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने पिछले साल मई में कोल्लम जिले के एक तालुक अस्पताल में एक मरीज द्वारा डॉ. वंदना दास की हत्या किए जाने के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि पुलिस जांच की ईमानदारी या विश्वसनीयता पर शक करने की कोई वजह नहीं है। न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस ने डॉक्टर के पिता द्वारा दायर यचिका खारिज कर दी जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने ‘‘अपना पल्ला झाड़ने की जल्दबाजी में’’ प्राथमिक बयान में छेड़छाड़ की। अदालत ने कहा कि जिन मामलों में पुलिस शक के घेरे में होती है और उनके खिलाफ ऊंगली उठायी जा सकती है, उनमें जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है। 

न्यायमूर्ति थॉमस ने कहा, ‘‘हालांकि, उक्त सिद्धांत कोई अटल नियम नहीं है। इस मामले में जैसा कि पहले देखा गया है कि किसी भी पुलिस अधिकारी पर किसी आपराधिक इरादे या कृत्य का कोई आरोप नहीं है। याचिकाकर्ताओं (मृतका के माता-पिता) ने पुलिस पर केवल ‘कायरतापूर्ण कृत्य’ का आरोप लगाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने पुलिस की ओर से चूक के सिवाय जांच के तरीके में कोई गंभीर खामी नहीं बतायी है।’’ दास के पिता के. जी. मोहनदास ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि कोट्टारक्करा पुलिस ने अपना पल्ला झाड़ने की जल्दबाजी में मृतका के मित्र द्वारा दिए प्राथमिक बयान में कथित तौर पर छेड़छाड़ की। 

याचिका में यह भी कहा गया है कि पुलिस ‘‘अपनी सुरक्षा खामियों को छिपाने’’ के लिए इस अपराध की बहुत ‘‘उदासीन’’ तरीके से जांच कर रही है। डॉक्टर दास की पिछले साल मई में कोल्लम जिले के एक तालुक अस्पताल में एक मरीज जी. संदीप ने हत्या कर दी थी जो पेशे से एक स्कूल शिक्षक है। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं। पुलिस संदीप को इलाज के लिए अस्पताल लाई थी तभी 10 मई की सुबह उसने पैर की चोट के इलाज के दौरान शुरुआत में सर्जिकल कैंची से पुलिस अधिकारियों और एक व्यक्ति पर हमला किया और फिर डॉ. दास पर हमला कर दिया। उसने डॉ. दास पर कैंची से कई वार किए। डॉ. दास को इलाज के लिए तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गयी। अदालत ने कहा कि ऐसा कोई आरोप नहीं है कि आरोपी को अस्पताल लाने वाले पुलिस अधिकारियों का घटनास्थल से कथित तौर पर भागते वक्त कोई आपराधिक इरादा था।

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