Kejriwal Vs Sudhanshu Trivedi: ED से बचते फिर रहे Delhi CM को सताया गिरफ्तारी का डर तो BJP ने किया कटाक्ष

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से शराब घोटाला मामले में बार-बार ईडी के समन की अवहेलना किये जाने से स्थानीय राजनीति गर्मा गयी है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें झूठे केस में जेल में डालना चाहती है तो वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए पूछा है कि ऐसा क्या है जिसे केजरीवाल छिपा रहे हैं? इस बीच, आम आदमी पार्टी की मुश्किलें तब और बढ़ गयीं जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने निजी प्रयोगशालाओं को लाभ पहुंचाने के लिए मोहल्ला क्लीनिक द्वारा ‘‘फर्जी’’ जांच का परामर्श दिये जाने के आरोपों की सीबीआई से जांच कराने का आदेश दे दिया। 

केजरीवाल ने रखा अपना पक्ष

जहां तक ईडी से बचते फिर रहे मुख्यमंत्री के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि पिछले 2 साल से बीजेपी की सारी एजेंसियों ने शराब घोटाले में कई छापेमारी की और कई गिरफ्तारी की। लेकिन अभी तक एक भी पैसे का हेरफेर नहीं मिला। उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी केस में कई AAP नेताओं को इन्होंने जेल में रखा हुआ है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अब बीजेपी मुझे गिरफ्तार करना चाहती है और फर्जी समन भेजकर ये लोग मुझे बदनाम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे जो समन भेजा गया है उसके बारे में मेरे वकीलों ने बताया कि वो समन गैर कानूनी है।

भाजपा का पलटवार

दूसरी ओर, भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने बचाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री जो तर्क दे रहे हैं वह आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तार जाना चाहिए। साथ ही भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “… ये जो तथाकथित मोहल्ला क्लीनिक थी इसके अंदर जांच की व्यवस्था की गई थी… इस प्रकार के तथ्य सामने आए हैं कि एक दिन में 500 मरीज देखे गए हैं… जबकि मोहल्ला क्लीनिक का औपचारिक समय सुबह 9 बजे से 1 बजे तक है… 240 मिनट में किसी ने अगर 533 मरीज देख लिए तो इसका मतलब आधे मिनट में एक मरीज देखा गया है… इतने समय में तो आदमी मंदिर में दर्शन भी नहीं कर पाता है जितने समय में डॉक्टर ने रोग को समझकर उसका निदान-समाधान सब लिख दिया। ये ईमानदारी का नया किरदार है।”

चौथा समन भेज सकती है ईडी

हम आपको यह भी बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा एजेंसी के सामने पेश होने से इंकार करने के संबंध में भेजे गए जवाब की समीक्षा कर रहा है और कथित आबकारी नीति मामले की जांच में शामिल होने के लिए उन्हें चौथा समन जारी कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी फिलहाल केजरीवाल की ओर से बुधवार को जांच अधिकारी को भेजे गये पांच पन्नों के जवाब की समीक्षा कर रही है और समन को अवैध बताने के उनके आरोपों को खारिज कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी की ओर से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत केजरीवाल को चौथा समन जारी किया जा सकता है। हम आपको याद दिला दें कि केजरीवाल को इससे पहले समन जारी कर पिछले साल दो नवंबर और 21 दिसंबर और इस साल तीन जनवरी को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था।

मोहल्ला क्लीनिक में घोटाला

इस बीच, आम आदमी पार्टी के लिए एक नई मुश्किल खड़ी हो गयी है। दरअसल निजी प्रयोगशालाओं को लाभ पहुंचाने के लिए मोहल्ला क्लीनिक द्वारा ‘‘फर्जी’’ जांच का परामर्श दिये जाने के आरोपों को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाओं की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसमें कहा गया था कि ये दवाएं ‘गुणवत्ता मानक जांच’ में खरी नहीं पाई गईं। हम आपको बता दें कि मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली सरकार द्वारा संचालित किये जाते हैं। एक सूत्र ने बताया, ‘‘पिछले साल सामने आया था कि चिकित्सक मोहल्ला क्लीनिक में नहीं आ रहे थे, लेकिन फिर भी उन्हें उपस्थित दिखाया जा रहा था। उनकी अनुपस्थिति के बावजूद मरीजों को जांच और दवाएं लिखी जा रही थीं। बाद में, पाया गया कि ‘‘फर्जी’’ रोगियों पर परीक्षण किए गए थे। इसके संबंध में ही सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए हैं।’’ 

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