Kashmir के 7 छात्रों ने World Cup Cricket में भारत की हार का मनाया जश्न, पाक के समर्थन में लगाये नारे, गिरफ्तारी हुई तो महबूबा मुफ्ती भड़कीं

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने पर सात छात्रों की गिरफ्तारी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। हम आपको बता दें कि आपत्तिजनक नारे लगाने और विश्व कप फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम की हार का जश्न मनाने के आरोप में एक कृषि विश्वविद्यालय के सात छात्रों को गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए युवक शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएसटी)-कश्मीर के छात्र हैं। पुलिस ने एक छात्र की शिकायत की जांच शुरू करने के बाद छात्रों को गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसके कॉलेज के साथियों ने उसे परेशान किया था और फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद आपत्तिजनक नारे लगाए थे। अधिकारियों ने कहा कि छात्रों के खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में उतरते हुए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इसे “चौंकाने वाला” तथा “चिंताजनक” कदम बताया है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी इस मुद्दे पर गौर करने का अनुरोध किया है। महबूबा ने कहा, “यह चिंताजनक और चौंकाने वाली बात है कि कश्मीर में विश्व कप विजेता टीम का समर्थन करना भी अपराध हो गया है। पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अब छात्रों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे कठोर कानूनों को लागू करने से जम्मू-कश्मीर में युवाओं के प्रति प्रशासन की क्रूर मानसिकता का पता चलता है।”

बाद में पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में महबूबा ने कहा, “खेल तो खेल है, हमारे प्रधानमंत्री और उनसे पहले भी कई लोग मैच देखने गए और जो टीम अच्छा खेलती है उनका हौसला बढ़ाते हैं, वे विपक्षी टीम का भी हौसला बढ़ाते हैं। वे दावा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में चीजें ठीक हैं, फिर ऑस्ट्रेलिया की जीत का जश्न मना रहे कुछ छात्रों को लेकर इतना डर और व्याकुलता क्यों है?” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यूएपीए का इस्तेमाल आतंकवादियों पर मामला दर्ज करने के लिए किया जाता है, लेकिन सरकार ने युवाओं, पत्रकारों और छात्रों को कड़े कानून के तहत गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा, “आपको जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल और दिमाग जीतना होगा। कितनों को जेल में डालेंगे? मैंने पहले भी कहा है कि एक विचारधारा होती है और आप किसी विचारधारा को पिंजरे में कैद नहीं कर सकते हैं। युवाओं, पत्रकारों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है, जो आतंकवादियों के लिए है। अब, वे इसका इस्तेमाल छात्रों के लिए कर रहे हैं और उनका कॅरियर बर्बाद कर रहे हैं।’

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