सुहागिनों का सबसे महत्वपूर्ण व्रत करवाचौथ एक नवंबर को है। पति-पत्नी के अखंड प्रेम, सम्मान व त्याग की चेतना का प्रतीक पर्व करवाचौथ की तैयारियां परवान पर हैं। पति के लंबी आयु के लिए अन्न-जल त्याग कर सुहागिनें व्रत रखेंगी। शाम को पूजन आदि की पूर्णता के बाद रात को चांद का दर्शन व अर्ध्य देकर अपने पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रती उपवास तोड़ेंगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार करवाचौथ व्रत का कुल समय 13 घंटे 42 मिनट का रहेगा। यह सुबह छह बजकर 33 मिनट से शुरू होकर रात आठ बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि इस बार करवाचौथ पर सर्वार्थ सिद्धि समेत तीन शुभ योग बन रहे हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग एक नवंबर को सुबह छह बजकर 33 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन दो नवंबर को सुबह चार बजकर 36 मिनट तक रहेगा। वहीं परिघ योग सुबह से लेकर दोपहर दो बजकर सात मिनट तक है, फिर शिव योग शुरू होगा और पूरी रात तक रहेगा। उन्होंने बताया कि करवा चौथ के दिन मृगशिरा नक्षत्र व्रत रखना शुभ होगा।
करवाचौथ पूजा सामग्री
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि करवाचौथ पूजा का शुभ मुहुर्त शाम पांच बजकर 36 मिनट से शाम छह बजकर 54 मिनट तक है। उन्होंने बताया कि करवा चौथ पूजा सामग्री में देसी घी, इत्र, नारियल, जनेऊ जोड़ा, अबीर, गुलाल, शहद, दक्षिणा, कच्चा दूध, छलनी, कपूर, गेहूं, रूई की बाती, करवा माता की तस्वीर, दीपक, अगरबत्ती, लकड़ी का आसन, हलुआ, आठ पूरियों की अठावरी आदि होना चाहिए।
करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। कुछ सुहागिन महिलाओं ने सोमवार से अपने हाथों में मेहंदी रचाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा महिलाएं मेहंदी रचाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग कर रही हैं। वहीं बाजारों में मेहंदी रचाने के लिए अलग से स्टॉल लगाए जा रहे हैं।