Karva Chauth 2023: करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं भूलकर भी न करें यह काम

कुंदन कुमार/गया. सुहागिनों के लिए करवा चौथ सभी व्रतों में अधिक महत्व रखता है. अपने सुहाग की रक्षा, दीर्घायु और खुशहाली के लिए महिलाएं सुबह से लेकर रात चांद निकलने तक अन्न, जल का त्याग कर करवा चौथ का व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस दिन जो पत्नी पूर्ण विश्वास के साथ माता करवा की पूजा करती हैं उसके पति पर कभी कोई आंच नहीं आती. करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल करवा चौथ की तिथि 1 नवंबर को सुबह सूर्योदय काल से सी प्रारंभ हो जाएगा.

इस दिन करें यह
गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पूजा घर की सफ़ाई करें. फिर सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें. यह व्रत सूर्य अस्त होने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करके ही खोलना चाहिए और बीच में जल भी नहीं पीना चाहिए.

संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें. इसमें 10 से 13 करवे  (करवा चौथ के लिए ख़ास मिट्टी के कलश) रखें. पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि थाली में रखें.

परिवार की सभी महिलाएं साथ पूजा करें
दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रहना चाहिए. जिससे वह पूरे समय तक जलता रहे. चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू की जानी चाहिए. अच्छा हो कि परिवार की सभी महिलाएं साथ पूजा करें. पूजा के दौरान करवा चौथ कथा सुनें या सुनाएं. चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाना चाहिए और साथ ही दर्शन के समय अर्घ्य के साथ चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए.

चन्द्र-दर्शन के बाद बहू अपनी सास को थाली में सजाकर मिष्ठान, फल, मेवे, रुपये आदि देकर उनका आशीर्वाद लें और सास उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दें.

करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं क्या नहीं करें..
करवा चौथ व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर सरगी खाना चाहिए. व्रती करवा चौथ में देर तक न सोएं साथ ही दिन के समय भी सोना नहीं चाहिए. व्रत का दिन भजन कीर्तन करने और शंकर-पार्वती के स्मरण में व्यतीत करें. इस व्रत में सरगी का विशेष महत्व है. देर तक सोने से सरगी खाने का समय निकल सकता है.

करवा चौथ में सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती है. ध्यान रहे कि इस दिन सुहाग की कोई वस्तु पहनते समय टूट जाए तो उसे कूड़दान में न फेंके. इन्हें बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.

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साथ ही इस दिन किसी से उधार लेकर मांग में सिंदूर न लगाएं. न ही अपना सिंदूर और श्रृंगार का सामान किसी दूसरी महिला को दें. करवा चौथ सुहाग का पर्व है. इस व्रत में सुहाग से जुड़ी वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है. ऐसे में इस दिन सफेद रंग की चीजों (दूध, दही, चावल, सफेद मिठाई, वस्त्र) का दान करने की भूल न करें.

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किभी भी धारदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रती को इस दिन किभी भी धारदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दिन सिलाई-कढ़ाई जिसमें कैंची का उपयोग होता है, वह गलती से भी न करें. ऐसा करना अपशगुन माना जाता है. करवा चौथ व्रत का फल तभी मिलता है. जब व्रती का पूरा ध्यान ईश्वर की भक्ति में हो. इस दिन किसी को अपशब्द न कहें, विवाद से दूरी बनाएं. खासकर पति से वाद-विवाद न करें. ये बात पति पर भी लागू होती है.

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