वाराणसी संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक है। भारत का प्राचीनतम बसा शहर वाराणसी, उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध नगर है। वाराणसी को बनारस और काशी भी कहा जाता है। वाराणसी का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक है। वाराणसी सिर्फ हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि बौद्ध और जैन धर्म में भी बेहद पवित्र शहर माना जाता है। वाराणसी अपनी संस्कृति गंगा नदी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और अपने धार्मिक महत्व के लिए हिंदू भक्तों में बेहद प्रचलित है। उत्तर भारत का धार्मिक केंद्र वाराणसी रहा है जिसे मंदिरों का शहर, भारत की धार्मिक राजधानी, भगवान शिव की नगरी, दीपों का शहर, ज्ञान नगरी जैसे कई नाम से संबोधित किया जाता है।
यही वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही सांसद है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी की यात्रा पर थे। इस यात्रा के दौरान हर हर महादेव के उद्घोष के साथ उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बनारस के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास भी किया। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री ने वाराणसी के गंजारी में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया है।
इस स्टेडियम को बनाने में लगभग 450 करोड रुपए की लागत आएगी। माना जा रहा है कि वाराणसी के गंजारी में 31 एकड़ की जमीन पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इस स्टेडियम में मैच देखने आने वाले दर्शकों के लिए पार्किंग की खास व्यवस्था की गई है। शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह स्टेडियम स्वयं महादेव को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि इस स्टेडियम की बनावट में छत से लेकर फ्लड लाइट्स और पवेलियन तक हर जगह काशी शहर और महादेव से जुड़ी चीजों की झलक फैंस को दिखाई देगी। आपको बता दें कि वाराणसी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में फ्लड लाइट्स से लेकर इंटीरियर तक में भगवान शिव से जुड़ी चीजों को दर्शाया जाएगा। इसके तहत स्टेडियम की फ्लड लाइट्स की बनावट त्रिशूल की तरह से होगी। भगवान शिव की जटाओं में विराजमान चंद्रमा का भी इस स्टेडियम में खास योगदान होगा। दरअसल इस स्टेडियम की छत के चारों तरफ एक जैसी नहीं होगी बल्कि छत को अर्ध चंद्र के आकार पर बनाया जाएगा।
इस अर्धचंद्र आकर के कारण शाम के समय मैदान का नजारा बेहद मनोरम होगा। बता दें कि यह स्टेडियम लार्सन ऐंड टुब्रो कंपनी द्वारा निर्मित किया जा रहा है। अगले 30 महीना में इस स्टेडियम का काम पूरा होने की उम्मीद है यानी की कंपनी 30 महीने में दिसंबर 2025 तक इस स्टेडियम का निर्माण पूरा कर सौंपेगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर और लखनऊ में पहले से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम है। कानपुर में ग्रीन पार्क और लखनऊ में अटल बिहारी वाजपई इकाना स्टेडियम है जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैच खेले जाते हैं। इन दोनों स्टेडियम के बाद वाराणसी तीसरा शहर होगा जहां क्रिकेट स्टेडियम उपलब्ध होगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार से इस स्टेडियम का निर्माण करने के लिए लगभग 31 एकड़ जमीन पहले से ही प्राप्त हो चुकी है। वर्तमान में इस स्टेडियम के लिए जमीन को समतलीकरण करने का काम किया जा रहा है। वही एलएनटी स्टेडियम के डिजाइन पर भी काम कर रही है। बता दें कि स्टेडियम में दर्शकों के क्षमता 30000 होगी। एलएनटी इस स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक बनाएगा। ये स्टेडियम बेहद खास होने वाला है क्योंकि अत्याधुनिक सुविधाओं वाला राज्य का ये पहला स्टेडियम होने वाला है। उत्तर प्रदेश का ये पहला स्टेडियम होगा जिसका संचालन बीसीसीआई करेगी। बता दें कि काशी में शुरू होने वाले इस नए स्टेडियम से सिर्फ उत्तर प्रदेश के युवाओं को खेल से संबंधित नए मौके मिलेंगे बल्कि पूर्वांचल से सटे हुए बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों के युवा खिलाड़ियों को भी अपना खेल निखारने का स्टेडियम बेहतरीन और शानदार मौका देगा।