New Delhi:
Karnataka Election 2023: देश के दक्षिण राज्य कर्नाटक में चुनाव तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने बुधवार को मतदान से लेकर मतगणना की तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही बीते चुनाव में मिले जनादेश के बारे में जानना बहुत जरूरी है क्योंकि इसी मेंटेड को चुनौती देने के लिए विपक्षी दल चुनावी मैदान में होंगे तो वहीं सत्ताधारी दल की चुनौती होगी इस मेंटेड के और आगे बढ़ाना यानी जनता के भरोसे को कायम रखना और अपनी स्थिति को और मजबूत करना है. आइए जानते हैं कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी से लेकर अन्य दलों के हाथ कितनी सीटें आई थीं और चुनाव के बाद अचानक बीजेपी ने क्यों अपने सीएम चेहरे येदियुरप्पा को ही बदल दिया था.
24 मई को खत्म हो रहा कार्यकाल
कर्नाटक में मौजूद सरकार का कार्यकाल 24 मई को खत्म हो रहा है. ऐसे में इस बार एक बार बीजेपी अपनी जड़े जमाने की कोशिशों में जुटी हुई है जबकि कांग्रेस समेत स्थानीय दल भी अपनी-अपनी दावेदारी पेश करेंगे.
2018 में ये था चुनाव का नतीजा
पिछले चुनाव नतीजों की बात करें तो विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 224 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने 104 सीटें अपने कब्जे में की थीं और इसके साथ ही बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई थी. हालांकि सरकार बनाने में सफल नहीं हुई. इसके पीछे वजह थी कि कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन हुआ और इनदोनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई.
बीजेपी को 64 सीटों का फायदा
कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 80 सीटें मिली थीं. जबकि जेडीएस के पास 37 सीटें आई थीं. हालांकि कांग्रेस की सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और 14 महीने में ही गिर गई. कांग्रेस बागी विधायकों के सहारे एक बार फिर येदियुरप्पा ने सरकार बनाई.
#WATCH | The day of polling for Karnataka Assembly elections will be 10th May, in the single phase and the results will be declared on 13th May. pic.twitter.com/v5lzt3HaBe
— ANI (@ANI) March 29, 2023
खास बात यह है कि बीते चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. पार्टी को बीते चुनाव में 64 सीटों का फायदा हुआ था. कुल वोट प्रतिशत भी 38.35 फीसदी था. वहीं कांग्रेस के 42 सीटें गंवाना पड़ी थीं. ये पार्टी के बड़ा खामियाजा था. बाद में कुछ विधायक बागी भी हुए और पार्टी की हालत खस्ता हो गई.
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येदियुरप्पा को बीजेपी क्यों हटाया?
येदियुरप्पा ने भले ही कांग्रेस के बागी विधायकों के सहारे बीजेपी की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई हो लेकिन, बीजेपी ने दो साल सरकार चलाने के लिए नए समीकरणों के साधते हुए उन्हें सीएम पद से हटा दिया और बसवराज बोम्मई को कमान सौंपी गई. दरअसल येदियुरप्पा को हटाए जाने की सबसे बड़ी वजह अंतर कलह को बताया जा रहा था. येदियुरप्पा के कार्यकाल में लगातार बीजेपी में गुटबाजी और कलह बढ़ रहा था.