(रवि रमन त्रिपाठी) भिंड. भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या धाम में राम मंदिर निर्माण का सपना हर सनातनी कई पीढ़ियों से देख रहा था.यह सपना अब साकार हो गया है. अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी व्यापक स्तर पर चल रही है. 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए साल 1990 और 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाने का जुनून रग- रग में भरा था. एक से एक बढ़कर कार सेवक अयोध्या की ओर कूच कर रहे थे. इन्हीं में से एक थे चंबल के कार सेवक गोकुल सिंह परमार. परमार घरवालों के विरोध के वाबजूद कार सेवक के रूप में अयोध्या गए. चौंकाने वाली बात ये है कि वे घरवालों को बिना बताए रात में चुपचाप अयोध्या निकल गए.
News18 से खास बातचीत में भिंड के गोकुल सिंह परमार ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में कार सेवकों के ऊपर लाठियां चलीं, आंसूं गैस के गोले दागे गए. आज भी 1990 और 92 के आंदोलन से जुड़ी तस्वीरें हमारी आंखों के सामने आ जाती हैं तो मन भावुक हो जाता है. गोरमी नगर के वार्ड क्रमांक 7 में रहने वाले 67 वर्षीय गोकुल सिंह परमार ने बताया कि पुलिस ने उन पर भी लाठियां भांजीं थीं. उन्हें जेल भेज दिया था. जब वे अयोध्या जाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तब उन्हें पड़कर 13 दिन के लिए कानपुर की नौबस्ता जेल भेज दिया गया.
जिंदा देखकर घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा
इस दौरान एक अजीबो-गरीब घटना घटी. किसी ने उनके घर ये सूचना पहुंचा दी कि उनका निधन हो गया है. ये सूचना पहुंचते ही पूरे खानदान में शोक की लहर दौड़ गई. घर पर रिश्तेदारों और आने-जाने वालों की भीड़ लगने लगी. लेकिन, कमाल की बात है कि इकलौते बेटे गोकुल की मां ने हिम्मत नहीं हारी. वह लगातार कहती रहीं कि गोकुल एक दिन घर जरूर आएगा. गोकुल ने बताया कि जब 15 दिन बाद मैं अपने घर पहुंचा तो मां, रिश्तेदारों और वार्ड के लोगों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. लोगों की इतनी खुशी और उत्साह का जब मैंने कारण पूछा, तो मैं हैरान रह गया. सभी को ये अहसास हुआ था कि मैं मरकर भी जिंदा निकल आया.
.
Tags: Ayodhya ram mandir, Bhind news, Mp news, Ram Mandir, Ram Mandir ayodhya
FIRST PUBLISHED : January 19, 2024, 07:04 IST